Book Title: Navkar Mahamantra Kalp
Author(s): Chandanmal Nagori
Publisher: Chandanmal Nagori

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Page 4
________________ श्रीमान् कल्याणदास नारायणदास ट्रस्ट फड. इस फढसे विशेष करके सिधांते क्षेत्रमें प्रतिवर्षकी आवक से खर्चा किया जाता है इस वर्ष ज्ञान साठे सर्च करनेका इरादा श्रीयुत भाइचदभाई मोतीचंद भादोल वालोंको प्रेरणा हुवा इस समय इस ट्रस्टके ट्रस्टी साहब (1) श्री भाइचदभाई मोतीचंद भादोरवाले (२) रमणलाल देवचद ओल्पाडवाले (३) 31 ( ४ ), हैं, मेम्बरोंको सभामें भाइचदभाईकी खास प्रेरणा से यह प्रस्ताव रखा गया कि श्री नवकार महामन कल्पकी तीसरी आरति प्रकाशित होती है उसमें सहायता देकर काफी तायदाद में नकले पुज्यपाद मुनिमहाराज ज्ञानभंडार आदिको सेवामें मेट दी जाय। भाईचदभाई धर्मिष्ट प्रवृत्ति वाले तपस्वी वयोद्ध और सज्जन आत्मा है इनके प्रति ट्रस्टीयोंको भी मान है अत दरख्वास्त मजूर की गई । इस लिये चारों ट्रस्टो साइयोंको धन्यवाद है, खास कर भाईचदभाई जिन्होंने ऋपिमंडल स्तोन- भावार्थं नामक पुस्तक पट कर परिचय बढाया और इसका ध्यान करनेके अभ्यासी होकर छे महिनेसे आय बिटको तपस्या कर ध्यान कर रहे हैं व ध्यानमें गति चढ़ा रहे हैं इस लिए इनकी यह किया प्रशसनिय व धन्यवादके पान है। इनको इस ध्यानके प्रभावसे शांति प्रदान हो यही अवरेच्छा है । इस पुस्तक के प्रकाशनका श्रेय उस अमर आत्मा है कि जिनको कमाइसे यह टस्ट बना है और अमर नाम कर गए हैं अस्तु । ठी प्रकाशक. 27 गमनलाल रुपचंद ओपाठवाले चीमनलाल सुबचद सूरतवाले

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