Book Title: Nal Damayanti Charitrayam
Author(s): Jayshekharsuri, Sarvodaysagar
Publisher: Charitraratna Foundation Charitable Trust

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Page 15
________________ Om Gardesीमा माजशेखापरिशिरजितं यौवालालामन्तीकारिन Vasagesdesigasseased , Y 14 यावत् 746 765 745 5 14 747 . 13 748 748 748 15 17 / प्राप्स: प्रात: अनन्रं भीमश्वासं अनन्तरं, भीमश्वासी तस्निन्नेव तस्मिन्नेव आकर्ष्या, पक्ष आकर्ण्य, पक्षी खग: भवेय खग: भवेयम् कथ गमिष्यमि कथं गमिष्यामि? तध्यौ दध्यौ चलेन् विचलेन चलेत् विचलेत् इव सयमर्यय रथमर्पय रथम रथम् आव्यो आप्यो तस्या पद्यकय्याम् तस्यां पद्यकय्याम् 10 श्व: 771 ANARTELFIELELETTERELLAFAL मर्यारहितस्य मर्यादारहितस्य यास 764 मरिण्यति मरिष्यति दृष्टा दृष्ट्रा 765 14 नेपथयादीनि नेपथ्यादीनि 765 सुपर्ण नाम, आदिरात सपर्ण नाम, आदिशत् 766 मंत्रक्षने मंत्रीने रस्य युगादिदेवस्य तस्य युगादिदेवस्य 767 आदिनात ऋषभदेवस्य आदिनाथ 990 ऋषभदेवस्य दधिपणस्य दधिपर्णस्य 772 प्रषितस्य प्रेषितस्य 9933 निमिथानि निमित्तानि . 7758 तव दूपमेव तव रूपमेव 991 68 सूपसम्पन्न: रूपसम्पन्न: दयन्तीस्नेहात दमयन्तीस्नेहात् कुताश्चित् कुतश्चित् तक्षभ्याम् लक्षभ्याम् समेयति समेष्यति 778 अश्वह्वयदज्ञः अश्वहृदयज्ञः तया: धानन्ति हया: धावन्ति 778 अश्वद्दयदविद् अश्वहृदयविद् 780 16 16 6 758 क्षाम् नस्पृशन रूण्टाकेन रह द्धिगुणं माम् नस्पृशन् लुण्टाकेन रंह द्धिगुणं 999 तए एते 762 762 14 55 सत्तताः रुद्राक्षंस्य सत्तमाः रुद्राक्षस्य P.P.AC. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust

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