Book Title: Nal Damayanti Charitrayam
Author(s): Jayshekharsuri, Sarvodaysagar
Publisher: Charitraratna Foundation Charitable Trust
View full book text ________________ Ownerseasesentatresdates जयशेखरसारिविरचित बीमालणणयन्तीचरित्रम् NHHAHarassmashajasPayaSHRAM प्रेरितः 6424 67 143 प्ररित: अकयतपे अर्कातपे प्राशसत् प्राशंसत् 672 .10 सरवती सरस्वती सरवत्वम्, संघया सरसत्वम्, सुधया सर्वारिच सर्वाणिच 613 13 मस्यात् नस्यात् वसवत्याः रसवत्याः 619 सोडववनलसाअहात् सोडववनलसौहार्वात पातीनि पातीति 618 12 अवनीत् अब्रवीत 619 13. वृष्टपूक्यस्थि वृष्टपूर्त्यस्मि 180 13 तुष्टोऽय तुष्टोऽय नागृहात् नागृहणात् त्वया . त्वया 984 नलोपदेशाजीनाति नलोपवेशाानाति 985 सूर्यपाक्रियां सूर्यपाकक्रियां प्राथयत प्रार्थयत विप्रं विप्रं 688 13 नीरवा नीत्वा 988 14 इतीडभिनीयते इतोडभिनीयते 15 चितैकाग्येण चितैकाग्येण 688.. 11 -- 1071 - 7 -2... तां रक्ष रक्ष मां रक्ष रक्ष मनासि मनांसि आशु आशु सूत्रभृदथ्यौ सूत्रकृत्दथ्यौ दङ्गजीविनः रङ्गजीविनः नाटठ्यार्थ नाठ्यार्थ हे आर्य। हे.आयें। स्वप्नेऽप्यदृश्यवक्योऽसौ स्वप्नेप्यदृश्यपक्वोऽसौ दृष्यम्, वक्यं दृश्यम्, वक्त्रं अदृश्यवक्त अदृश्यवक्त्र मान नाम सरोऽस्तीद सरोऽस्तीदं प्रियादन्तं प्रियोदन्तं अस्त:, प्रियसय वृत्तान्त अत:, प्रियस्य वृत्तान्तं नित्यं दु:ख नित्यं दु:खं प्रियस्य प्ररटः प्रियस्य प्रणय: हे चकअवाकि चक्रवाकि। भ्रातर्बहिण| भ्रातर्बर्हिण। वो अलि: वोऽअलि: शिघ्रं शीघ्र विविलाम् निखिलाम् 48 tre 650 658 658 6594 रर. Sa6984 P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust
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