Book Title: Meri Golwad Yatra
Author(s): Vidyavijay
Publisher: Devchandji Pukhrajji Sanghvi

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Page 3
________________ 0880.....००००० -००००००&a08००००००.०० 00000000000000000000000000000 .००००० Pro000000000mm e-0000... हार्दिक धन्यवाद । 0000000000000000000000 ...00000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000 शा० ताराचन्दजी मेघराजजी साहेब मु० पावा (मारवाड़) निवासी। भूति (मारवाड़) से सेठ देवीचन्दजी रामाजी के द्वारा निकाला गया गोड़वाड़ जैनपंचतीर्थी का । संघ जहाँ जहाँ जाता रहा, संघ के पहुंचने से पहिले ही आप वहाँ के स्थानीय संघ के द्वारा पूर्ण प्रबन्ध कराते रहे-जिससे संघ को हर तरह की सुविधा रही । आदि से अन्त तक आप संघ-सेवा का लाभ है लेते रहे और संघपति को समय समय पर योग्य । सहयोग देते रहे हैं। आप एक उत्साही, समयज्ञ और सेवाभावी परम-श्रद्धालु सज्जन हैं। श्रीवर्धमान जैनबोर्डिंगहाउस-सुमेरपुर की समुन्नति का विशेष श्रेय भी आपको ही है। इस निःस्वार्थ सेवा के लिये हम भी आपको वार-वार धन्यवाद देते हैं । शमिति । संघवी-पुखराज देवीचंदजी जैन । 00000000000... 0000.000000000 000000000000000000000000000001 00000000000000000000 ०००००००००० 08:........::80 Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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