Book Title: Meri Drushti Meri Srushti Author(s): Mahapragna Acharya Publisher: Adarsh Sahitya Sangh View full book textPage 9
________________ । क्रम ) * * * * १. मंगल सूत्र २. मंगल पाठ ३. समर्पण का सूत्र : चतुर्विंशतिस्तव ४. जिन शासन : १ ५. जिन शासन : २ ६. जीव : स्वरूप और लक्षण ७. भारतीय दर्शनों में जैन दर्शन का स्थान ८. अनुशासन की समस्या ९. मूल का सिंचन १०. समस्या के समाधान का नया आयाम ११. अधिनायकवाद और स्वतंत्रता १२. शास्त्रों के व्यापक अर्थ की खोज का दृष्टिकोण १३. गीता : संदेश और प्रयोग १४. विपश्यना की अतीत यात्रा १५. मेरी दृष्टि : मेरी सृष्टि १६. अतीत का अनावरण १७. अहिंसा सार्वभौम की कल्पना १८. अहिंसक समाज-संरचना कैसे होगी? १९. अहिंसा की समस्याएं २०. अहिंसा तेजस्वी कैसे हो? २१. संवेदनशीलता : एक अपेक्षा २२. नया जन्म लें २३. जिज्ञासितं : कथितं २४. 'हिन्दु' शब्द की युति कहां? कैसे? २५. प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. राजा रमन्ना और अनेकान्त दर्शन २६. विशोधन की प्रक्रिया : प्रेक्षा ध्यान ๘ นี้ ณ * * * ११३ १२२ १२५ १२९ १३३ १३६ १४३ १४८ १५५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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