Book Title: Manuscripts from Indian Collection
Author(s): National Museum New Delhi
Publisher: National Museum New Delhi

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Page 28
________________ Jain Education International script; 14 to 15 lines to a page; Sanskrit; dated Samvat 1733 (A.D. 1676). Author: Vyäsadeva (according to traditional belief); scribe Kasirāma. Begins: Ends : ॐ नमो भगवते वासुदेवाय । श्री मत्स्यरूपाय नमः । ॐ प्रचण्डताण्डवादोपप्राक्षिसौक्षिप्तदिग्गजाः । भवन्तु विविधाकाराः विघ्नौघपरिशान्तये ॥ १ ॥ इति मत्स्यपुराणे देवतार्चानुकीर्तनं नाम । समाप्तं चेदं मत्स्यपुराणम् । शुभमस्तु सर्वजगतां परहितनिरता भवन्तु भूतगणा: । दोषाः प्रयान्तु शान्ति सर्वत्र सुखी भवतु लोकः ॥ Colophon : ॐ संवत् १७३३ माघशुदि सप्तम्यां रविवासरान्वितायां लिखितं पंडितकाशीरामेण इह काश्मीरमण्डलायां शुभमस्तु ॥ 3 illustrations in Kashmir style. Lent by the Maharaja of Jaipur Museum, City Palace, Jaipur (Rajasthan). DASAKUMĀRAKATHA (Adventures of Ten Princes) Foll. 99; size 29x13 cm; paper; Devanagari script; 15 lines to a page; Sanskrit; dated Samvat 1734 (A.D. 1677). Author: Gopinatha Dvijādhiśa; scribe Badridasa. Begins : श्री गणेशाय नमः ॥ सर्वकामप्रदामिष्टदेवतां भुवनेश्वरीम् । प्रणम्य परया भक्त्या गणानामधिपं तथा ॥ १ ॥ Ends : परस्परमैकमत्येन वर्तमाना पुरंदरप्रभृतिभिरप्यतिदुर्लभानि राज्यसुवान्यन्यवन् ॥ Colophon इति श्रीमहाराजाधिरश्री गोपीनाथसंशोधितदकुमारकथायां सकलसमागमो नाम एकादश उच्छ्वासः । समाप्तेयं कथा दशकुमाराणाम् ।। संवत् १७३४ शाके १५९८ प्रवर्तमाने मासमुदि नवम्यां सोमे लिखितेवं रूपा दसकुमाराणां बद्रीदासेन योधपूरमध्ये ॥ श्रीरस्तु ॥ श्री ॥ A rare copy, based on Dandin's Dasakumaracharita. Lent by the Oriental Research Institute, Jodhpur (Rajasthan). 19 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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