Book Title: Mannaha Jinan Aanam Swadhyay
Author(s): Vijaykirtiyashsuri
Publisher: Sanmarg Prakashan
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परिशिष्टः-१ ~~~~~~~
ror. ३७५
दिट्ठमदिटुं सिंग
वन्दनकम् दिट्ठीविप्परिआसे सय कायोत्सर्गः दिणयरसरिसावयवा
रथयात्रा दिवसे दिवसे लक्खं सामायिकम् दुओणयमहाजायं
वन्दनकम् दुन्नि अ हुंति चरित्ते कायोत्सर्गः दुल्लहो माणुसो जम्मो साधर्मिकवात्सल्यम् दुविहतिविहेण
सम्यक्त्वम् देवाणुअत्ति भत्ती
प्रभावना देसावलोअणत्थं
दानम् देसिअ राइअ पक्खिअ कायोत्सर्गः देसिअ राइअ पक्खिअ कायोत्सर्गः देसे सब्वे अ दुहा
पौषधः देहमइजड्डसुद्धी
कायोत्सर्गः देहो अ पुग्गलमओ व्यवहारशुद्धिः दो चेव जिणवरेहिं
जिनपूजा दो चेव जिणवरेहि सामायिकम् दोच्चेव नमुक्कारे प्रत्याख्यानम् दो छच्च सत्त अट्ठ प्रत्याख्यानम् दोस अणाढिअथड्डिअ वन्दनकम् धम्मजुग्गगुणाइन्नो
सम्यक्त्वम् धित्तुं च सुहं सुहगण परोपकारः धूमहिणो जहा
मिथ्यात्वम् न कुणइ निमेसजत्तं कायोत्सर्गः न कुलं एत्थ पहाणं
तपः नणु केवईअं कम्म
तपः नत्थि य सि अंगुवंगा जीवकरुणा नमुआईदसमेंहिं
प्रत्याख्यानम् नमुक्कारपोरिसीए प्रत्याख्यानम् नयगमभंगपहाणा
जिनाज्ञा न य तस्स तन्निमित्तो जीवकरुणा नरयगइगमणपडिहत्थए गुरुस्तुतिः
गुरुवन्दनभाष्य-२५ ९७ आवश्यकनियुक्ति-१५३३ वृत्ति १२४
पदमचरित्र-८/२०७ २८२ सम्बोधप्रकरण-१२३३ ९० आवश्यकनियुक्ति-१२०२ ९६ आवश्यकनियुक्ति-१५२२ १२२
श्राद्धदिनकृत्य-२१५ २७१ आवश्यकनियुक्ति-१५५८ ६५ आवश्यकनियुक्ति-५८३ ३४९
१७७ आवश्यकनियुक्ति-१५०१ १२० आवश्यकनियुक्ति-१५२९ १२३
श्रावकप्रज्ञप्ति-३२२ १६२ आवश्यकनियुक्ति-१४६२ ११९
पुष्पमाला-४२ २७७ उपदेशमाला-४९० २४२
उपदेशमाला-४९० ८८ आवश्यकनियुक्ति-१५९९ १३८ आवश्यकनियुक्ति-१५९८ १३८
गुरुवन्दनभाष्य-२३ ९६ गाथासहस्त्री-४०६, गुणस्थानक. २४ वृत्ति ६७
आवश्यकनियुक्ति-९१ २२९
दशाध्ययन-५/१३ २२ आवश्यकनियुक्ति-१५१५ १२१ उपदेशमाला-४३ १९७
१९८ आचाराङ्गनियुक्ति-९८ ३१४ सुक्तमुक्तावली-१०८/१ १५२ आवश्यकनियुक्ति-१५९७ १३७ जैनस्तोत्रसन्दोह-८८/१ ०३
ओघनियुक्ति-७५० ३१४ उपदेशमाला-१०२ २५३

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