Book Title: Man Sthirikaran Prakaranam
Author(s): Vairagyarativijay, Rupendrakumar Pagariya
Publisher: Shrutbhuvan Sansodhan Kendra
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परिशिष्ट-२ ।। मनःस्थिरीकरणप्रकरणस्य श्लोकार्द्धानुक्रमः ।।
गाथा
क्रम पूर्वार्ध/उत्तरार्ध
गाथा
क्रम
पूर्वार्ध/उत्तरार्ध
६६
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११४
१११
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१४९ १३४
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९०
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७८ १०१ १३९ ५०
१२३ १५० १३१ ४६
४९
९८
११६ २१
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११२
अंगुलअसंखभागो अंत न जंति अगुरुव्वग्घाउस्सासं अजसअसाए हिच्चा अट्ठसु गिहेसु पंचसु अडमूलपयडिएगं अडवीस दुसय अडवीस सपणसीया अडसमया केवलिए अण-कम्मण-वेउव्विय अणभोग मिच्छत्तं अधतेर बार अनर इगवीस अन्नाणदुगमचक्खुदंसण अपमत्तो जो सुराउं अपुव्वे सत्तंसा अप्पुव्वे बावीसा अयरतकोडिकोडी अवगाहो तणुमाणं असंघयणी जीवा असन्नीतिरियाणं अह उदयमित्तविक्खं अह बिंदिमाई अह सन्नितिरियमिच्छे आइचउ भूदगवणे आइतिगं तह सन्नी आइमचउएगिदिसु आउठिई कायठिई आउयनाम गोयंतराय आउसि जइवीयं आभिग्गह-अणभिग्गह
१६८
११३
आवरणदुगे विग्घे आहार तणू इंदिय आहारदुगं वज्जिय आहारोरलदुगद्ग इगबितिचउरमणाण इगविगल पुव्वकोडिं इगवीसा चउ द(दु)त्तर इगिविगलतिगं इगिविगलिंदियसाणा इत्थिं पइ पुरिसस्स इत्थी पुरिस इत्थीए पुरिसोवरि इय कम्मसु बंधट्ठिती इय चउतीसं हेऊ इय पुढवाइपएसुं इय भूमिपट्टगाइसु इय संसारिजियाणं उक्कोसो धनुतिसई उणपन्नदिण छम्मासा उत्तरपयडि तह दुहा उत्तरपयडीणेवं उत्तरवे(वि)उव्वि उदओ अबाहु उवरिं उप्पत्तिठाण जोणी उरलदुगाहारदुगं उरलदुगाहारदुगं उरलविउव्वाहार उरलविउव्वाहारा उवसंत खीणजोगा उवसमसम्मे सोलस उवसमसेढीए वि
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