Book Title: Man Sthirikaran Prakaranam
Author(s): Vairagyarativijay, Rupendrakumar Pagariya
Publisher: Shrutbhuvan Sansodhan Kendra
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मन:स्थिरीकरणप्रकरणम्
१०१
उद्धरण
गा.क्र.
स्थ ल
कर्ता
अद्धमसूरं थियुगो सूइकलावो ६४ अधठारिगविगलमणा पाउ ७६
(स्वयं) अधतेरिगविगलमणा पणअडवीसं ७६
(स्वयं) अधतेरे पणवीसाए चउदसेहिं ७६
(स्वयं) अनुवादादर-वीप्सा-भृशार्थ-विनियोग १६८ अन्तमुहुत्तं एगं १५ विचारसप्ततिका-७७
महेन्द्रसूरि
अञ्चलगच्छीय(स्वयं) अन्तराभवदेहोऽपि सूक्ष्म २५ अमणुक्कोसा य विरय उक्कोसो ७५ सार्द्धशतकवृत्ती,सूक्ष्मार्थविचार सारोद्धार-८२ अयरंतो कोडाकोडीउहिगो सासणा ७६ सूक्ष्मार्थविचारसारोद्धार-८१ अरहत-सिद्ध-चेइय-तव-सुय-गुरु-साहु १५२ बन्धशतकम्-१८
शिवशर्मसू. अरहत्ताइसु भत्तो सुत्तरुइ पयणुमाण १५२ बन्धशतकम्-२५
शिवशर्मसू. असन्नीणं सागरसहस्स सत्त ७७ प्रज्ञापना पद-२३, सूत्र-१७२८ श्यामाचार्य अह चउदससु गुणेसुं १५ विचारसप्ततिका-७२
महेन्द्रसूरि
अञ्चलगच्छीय(स्वयं) अह लिह जंतं तिरि नव उड्डाहो ७६
(स्वयं) अहुणा भणिमो मूलियरपयडिण ७६ आभिग्गहियं किल दिक्खियाण १२९ नवतत्त्वभाष्य-१०१ आमंतणिआणवणी
१७ प्रज्ञापना-१९६, दशवैकालिक नियुक्ति-२७६
श्यामार्य, शय्यंभवसू. आय(इ)मसंघयणागिइहा
स्वयं) आयुषस्तु चतुर्भिर्भङ्गकैरबाधेति ८९ सार्द्धशतकवृत्ति आहारगसमुग्घाएणं समोहन्नइ १२३ आहारगसरीरस्स णं
२५ प्रज्ञापना पद-२१, सूत्र-१५३५ श्यामाचार्य आहारगाणि लोगे आहारसरीरिदिय ऊसासवओ २९ बृहत्सं.-३३९
विचारसप्ततिकाः-४२
जिनभद्रगणि क्षमाश्रमण आहारसरीरिदिय ऊसासे ३१ विचारपञ्चाशिका-३३ इग सट्ठीवीसिक्का वीसंतीसिक्क
(स्वयं) इगविगल पुव्व कोडिं परायु ७६ शतकनामा पञ्चमः प्राचीनकर्मग्रन्थः-३४ इगविगला सन्नीहिं करणवसा
(स्वयं) इगविगलाऽबंधा उ विउव्विए
(स्वयं)
(स्वयं)
७६
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