Book Title: Man Sthirikaran Prakaranam
Author(s): Vairagyarativijay, Rupendrakumar Pagariya
Publisher: Shrutbhuvan Sansodhan Kendra

View full book text
Previous | Next

Page 148
________________ मन:स्थिरीकरणप्रकरणम् गाथा ७४ मूलियर पडि रुसु अणंता बिति ५३ लहु परभवाओ ९६ लहु मज्झ गुरु अबाहा ८८ लहुगुरुठि इगिंदि ७७ ११७ भूण सतर वज्जयरिसहदुगूणं वज्जरसहारा संघयणं संठाणावगाह संघयणि कम्मगंथे संजलणलोभऊणा सच्चं असच्चमोसं सच्चं एसिं उदओ सच्चं एसो नाओ वज्जि चि वन्नचउ तेयकम्मि वासच उक्कं सोलस विगलसुरसुहमनारयति विविहछगणेसु तइओ ४२ ८७ ११९ वीसं तीसं चउसुं वेउव्वाहारदुगं वेव्विमीसम्मण १५२ वेउव्वियतम्मिस्सयजुत्ता १३२ वेयणकसायमरणा १२२ सड्डाह मनि सति बार खगि सतिभागरयणि क्रम सतिभागसत्तसहसा सत्तं सगतिगणं सत्तंस पण ति सत्तंसो किंचूणो सन्नितिरिनर तिवेया ५९ ५७ १४२ ११५ ९२ ११८ ५ ६१ १४७ १४८ १३५ १६३ ४६ १५७ १६७ ९१ ७२ ७३ ८० ५१ २९ सन्नितिरिमणुयनारय सन्नितिरिमणुयनारय सन्नितिरिमणुयनिरसुर ६९ १२७ पूर्वार्ध/ उत्तरार्ध पू. w व व व wl श्र्व ll श्र्व उ. उ. पू. उ. पू. पू. पू. 3. पू. पू. पू. पू. 3. पू. उ. उ. पू. पू. उ. 3. पू. पू. 3. له و لب و لب لب مو اتو له مو له उ. पू. 3. पू. उ. पू. पू. 3. पू. उ. गाथा सन्नि तिरिसु नरेसु सरोवारहे समचउसे नग्गो समणतिरिम समणामणतिरि समयपएसवहारे समुघाय दुविहहेऊ सम्म मिच्छं मीसं सचउरो उवरिं सयरीगंथे अट्ठसु सरसणवयणा सविउव्वं मरुनिरए सवेउव्वि मीसकम्मा सव्वगिहे व ससवण नव विगल सा पुण दस इगवीसा सा लहु तिरिगिहदगे सई ता साणतं पणवीसं साणा एगहियसयं सासणभावे नाणं साहारमीस सिद्धाणं जहसंभव सिरिधम्मसूरिसुगुरूव सिहिमरवो रा मिच्छमिगिंदि सुरविवाहादुगा सो सम्मे सोलस अक्काइस सोलसकसाय तेसिं हीणे करेइ नियमा हुछेनपुमिच्छ हुडं चिय पुढवाइसु डित्ति छ ठाणा क्रम ५६ १ ६२ ६४ ६७ ५४ ५ २८ ७९ १३५ ३३ १२३ १५० १५३ ३३ ७९ ५२ १६६ १०९ १०८ २४ १४६ १६५ १६९ ३८ २३ १६ ११४ १५६ १५९ १५३ १२४ १२० ६४ ६२ पूर्वार्ध / उत्तरार्ध पू. کو ان کو اب ان کو اب 3. पू. 3. उ. पू. 3. पू. उ. उ. पू. पू. उ. उ. 3. पू. उ. उ. पू. उ. पू. पू. उ. पू. पू. पू. पू. पू. उ. पू. کو جو ان کو کوله पू. उ. पू. पू. ९९ उ.

Loading...

Page Navigation
1 ... 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207