Book Title: Man Sthirikaran Prakaranam
Author(s): Vairagyarativijay, Rupendrakumar Pagariya
Publisher: Shrutbhuvan Sansodhan Kendra
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मन:स्थिरीकरणप्रकरणम्
१०३
उद्धरण
गा.क्र.
स्थल
कर्ता
नेमिचन्द्रसू.
हरिभद्रसू. (स्वयं) जिनवल्लभसू.
श्यामाचार्य
उमास्वातिम. जिनभद्रगणि क्षमाश्रमण सुधर्मास्वामी
नेमिचन्द्रसू
सुधर्मास्वामी
त्रैलोक्यदी.(बृहत्सं.)-२८३
प्र.पृ.-४०९ कमसो विगल असन्नीण पल्लं ७७ सूक्ष्मार्थविचारसारोद्धार-७६,
कर्मप्रकृतिः-८१ कम्मविगारो कम्मण
२५ अनु.हारि.टी.पृ.-८७ करणं परिणामोऽत्रेति
१५ योगबिन्दु-२६४ करणावि सया तित्थाहारग ७६ कल्याणाभिनिवेशवानिति गुणग्राहीति १७० सङ्घपट्टकः कायजोगं पउंजमाणे आगच्छिज्ज १२३ प्रज्ञापना पद-३६, सूत्र-२१७४ कार्मणशरीरयोगी चतुर्थके १२३ प्रशमरतिः-२७६-२७७ कालो वि सुच्चिय
ध्यानशतक-३८ किं संठिया पन्नत्ता गोयमा! दुविहा ६५ जीवाभिगम प्र.१, सूत्र-४२ किण्हा नीला काऊ तेऊ
प्रवचनसारोद्धार-११५९,
बृहत्सं.-१७६, त्रैलोक्यदी२८२ कुंजर वसभे सीहे
१७ स्थानाङ्ग-१३८/१३९,सू.६९३ कृष्णादि द्रव्यसाचिव्य कोहे माणे माया लोभे
प्रज्ञापना-१९५,
दशवैकालिक नियुक्ति-२७४ कोहो-माणो-माया-लोभो चउरो य हुंति । १५२
उवएसमाला-३०१ क्वचित्सौत्र्या शैल्या
भगवतीवृत्ति खंधी वि एगजीवे खिइवलयदीवसागर
ध्यानशतक-५४ खीणा निव्वाय गंठि त्ति सुदुब्भेओ
१५ विशेषावश्यकभाष्यम् -११९५ गइ आणुपुव्वि दो दो जाईनाम च/ साहारणमपज्जत्तं
१५८ पञ्चसङ्ग्रह-९१६ गब्भयमणुनिरएसुं छप्पी ३१ विचारपञ्चाशिका-३५ गोला य असंखेज्जा
२५ बृहत्संग्रहणी-३०१ चउगइया चउआगइयत्ति ३८ जीवाभिगम प्र.१, सू.३८ चउगइया दुआगइया
जीवाभिगम प्र.१, सू.३५,३६ चउण्हवि आउयाणं जा ओहिया
प्रज्ञापना पद-२३.२, सू.१७३८
श्यामार्य, शय्यंभवसू. प्रवचनसारोद्धार-५६१,८२८,१५८६, नेमिचन्द्रसू. अभयदेवसूरि
जिनभद्रगणि क्षमाश्रमण
जिनभद्रगणि क्षमाश्रमण
जिनभद्रगणि क्षमाश्रमण सुधर्मास्वामी सुधर्मास्वामी श्यामाचार्य
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