Book Title: Man Sthirikaran Prakaranam
Author(s): Vairagyarativijay, Rupendrakumar Pagariya
Publisher: Shrutbhuvan Sansodhan Kendra

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Page 149
________________ परिशिष्ट-३ उद्धरणस्थलसङ्केतः उद्धरण गा.क्र. स्थल कर्ता अंगुलअसंखभागो सुहुमनिगोओ ६६ लघुसङ्ग्रहणी अंतमुहत्तं नरएसु होइ २५ जीवाभिगम, प्रवचनसारोद्धार १३१० रत्नसंचय-१७ अंतमुहुत्तमबाहा सव्वासिं सव्वहिं ९९ अंतो कोडाकोडी तित्थाहाराण ७६ सूक्ष्मार्थविचारसारोद्धार-७०, शतकप्रकरणभाष्यम् ३४०,३५६ अंत्तमुत्तमवाहा सव्वासिं सव्वहिं ८९ अंबरलोहमईण कमसो जह १६८ ध्यानशतकम्-९७ अंबरलोहमहीणं २ ध्यानशतम्-९७ अकामतण्हाए अकामछुहाए अकाम १५२ अगंतूण समुग्घायं अणंता केवली १२४ प्रज्ञापना पद-३६, सूत्र-२१७०, गाथा-२३० अचित्तजोणिसुरनिरय मीसं ४२ बृहत्सङ्ग्रहणी-३२४ अजहण्णमणुक्कोसं १५ विचारसप्ततिका-७५ जिनभद्रगणि क्षमाश्रमण जिनभद्रगणि क्षमाश्रमण श्यामाचार्य जिनभद्रगणि क्षमाश्रमण महेन्द्रसूरि अञ्चलगच्छीय(स्वयं) सुधर्मास्वामी (स्वयं) (स्वयं) ७६ श्यामार्य, शय्यंभवसू. अञ्जनचूर्ण-पूर्ण अट्ठसमईए केवलि समुग्घाए पन्नत्ते १२३ स्थानाङ्ग अ.८, सू.६५२ अट्ठसु पंचसु एगे एगदुगं दस य १३५ सप्ततिकाभिधः षष्ठः कर्मग्रन्थः-४० अट्टारिंगविगलमणा नवपणतीसं अडवीसं सा पंच उ अधतेरे अणभिग्गहिया भासा १७ प्रज्ञापना-१९७, दशवैकालिक नियुक्ति-२७७ अणाभोगं एगिदियाईण वि जम्हा १५२ षडशीतिकचूर्णि अणित्थंत्थसंठिया ६५ जीवाभिगम प्र.१, सूत्र-१८,२१ अणुबंधोदय माउग बंधं कालं १०६ अणुव्वयमहव्वएहि य बालतवा कम्म १५२ बन्धशतकम्-२३ अत्थोहाए तस्सेव अदिन्नदाणा खु एए अदृश्वला जनपदाः सुधर्मास्वामी शिवशर्मसू.

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