Book Title: Lo Isko Bbhi Padh Lo
Author(s): Rishabhdas Mahatma
Publisher: Rishabhdas Mahatma

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Page 3
________________ जैनों आप पढ़ो ! अपने मित्रों को पढ़ाश्रो ! ! और सोती हुई समाज को जगाओ ! ! ! ओसवालो के साथ भाट, भोजक और सेवगों का सम्बन्ध। (लेखक : महात्मा रिखभदास ) “करिबन दो वर्षों पूर्व दो किताबें मेरे हस्तगत हुई जिसमें भक तो जैसलमेर निवासी सेवग तेज कवि की लिखो सूर्यमगप्रकाश" और दूसरी सेवग जयलाल रचित * मगाशिषभाष्य "। इन दोनों किताबों का अवलोकन करने से ज्ञात हुआ कि सेवग लोग शाकद्वीप' से आये हुए हैं और वे लिखते हैं कि हम श्रोसवालों के ही नहीं पर जैनियों के परम पूजनीय भगवान् ऋषभदेव' के दोदा के भी गुरु हैं १ शाकद्वीप अनार्य देशों में एक द्वीप हैं । वहाँके रहनेवाले लोग भी अनार्य ही थे। तेज कवि क मतानुसार मग विप्रों के पूर्व वहाँ क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र एवं तीन ही वर्ण थे यह एक अनार्यों की ही निशानी हैं। ( देखो पत्रिका न० २) २. “ मगर्यप्रकाश" पुस्तक के ५९ वा पृष्ठ पर तेज कवि एक कवित में लिखता है कि

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