Book Title: Kuvalaymala Part 02
Author(s): Chandraguptasuri
Publisher: Anekant Prakashan Jain Religious Trust

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Page 208
________________ (२८४) २०५ 1 (२८४) अण्णं च पिए, भवणम्मि जह पईवो सूरो भुवणे पयासओ भणिओ । 3 मोहंधयार-तिमिरे जिणधम्मं तह वियाणासु ।। एरिसो य अत्थाण होइ अत्थो कामो एयाण सव्व-कामाण । 5 धम्माण होइ धम्मो मंगल्लाणं च मंगल्लं ।।। पुण्णाण होइ पुण्णं जाण पवित्ताण तं पवित्तं ति । 7 होइ सुहाण सुहं तं सुंदरयाणं पि सुंदरयं ।। अच्चब्भुयाण अच्चब्भुयं ति अच्छेरयाण अच्छेरं । 9 सेयाण परं सेयं फलं फलाणं च जाणेज्जा ।। तओ पिए, धम्म तित्थयराणं, 11 जह आउराण वेज्जो दुक्ख-विमोक्खं करेइ किरियाए । तह जाण जियाय जिणो दुक्ख अवणेइ किरियाए ।। 13 जह चोराइ-भयाणं रक्खइ राया इमं जणं भीयं ।। तह जिणराया रक्खइ सव्व-जणं कम्म-चोराण ।। 15 जह रुंभइ वच्चंतो जणओ अयडेसु तरलयं बालं । जिण-जणओ वि तह च्चिय भव्वं रुंभे अकज्जेसु ।। 17 जह बंधुयणो पुरिसं रक्खइ सत्तूहि परिहविजंतं । तह रक्खइ भगव पि हु कम्म-महासत्तु-सेण्णस्स ।। 19 जह जणणी किर बालं थणयच्छीरेण णेइ परियड्ढेि । तह भगवं वयण-रसायणेण सव्वं पि पोसेइ ।। 21 बालस्स जहा धाई णिउणं अंजेइ अच्छिवत्ताई । इय णाण-सलागाए भगवं भव्वाण अंजेइ ।। 3) P तह वियाणा ।।. 4) P अत्थीण. 5) P धम्मा for धम्माण. 7) P सुहयं for सुहं तं. 11) P आउरा वेज्जो दुक्खं करेइ. 13) J चोराति, P चोराउभयं. 14) P भव्वजणकंम. 15) P जह इं रुभइ. 16) J च्चिय भयवं रुम्हे अयज्जेसु. 17) P पुरिसो, P सत्तूण. 19) P णेय परियट्टि ।. 20) P रसायणेण भव्व पि पासेइ. 21) P धाइं. 22) P सिलागाए भगव.

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