Book Title: Kuvalaymala Part 02
Author(s): Chandraguptasuri
Publisher: Anekant Prakashan Jain Religious Trust

View full book text
Previous | Next

Page 236
________________ (३००) २३३ 1 बहु-पूय-वसामिस-गब्भिणम्मि बीभच्छ-भीसणए ।। एत्थ य जाय च्चिय से णिवडंता एत्थ मे पुणो लिहिया ।। 3 णिवडता वज्ज-सिलायलाम्म उय भग्ग-सव्वगा ।। अह एए परमाहम्मिय त्ति पावंति पहरण-विहत्था । 5 हण-लुंप-भिंद-छिंदह मारे-चूरेह जपता ।। एए ते तेहिँ पुणो घेत्तूणं जलण-तत्त-तउयम्मि । 7 छुब्भंति दीण-वियणा विरसा विरसं विरसमाणा ।। एए भिजंति पुणो दीहर-तिक्खासु वज-सूलासु । 9 जेहिँ पुरा जीयाणं बहुसो उप्पाइयं दुक्खं ।। एए वि पुणो जीवा विरस विरसति गरुय-दुक्खत्ता । एयाण एत्थ तंबं मुहम्मि अह गालियं गलियं ।। एए पुण वेयरणिं धावंता कह वि पाविया तीरं । 13 डझंति तत्थ वि पुणो तउ-ताविय-तंब-सीसेहिं ।। एसा वि वहउ सरिया वेदरणी तत्त-जल-तरंगिल्ला । 15 एत्थ य झंपावडिया झत्ति विलीणा गया णासं ।। अह पुण संगहिय च्चिय भीम-महाकसिण-देह-भंगिल्ला । 17 एत्थ विभिजति पुणो वणम्मि असि-ताल-सरिसम्मि ।। एए वि मए लिहिया फालिजंता बला य बलिएहिं । 19 करवत्त-जंत-जुत्ता खुत्ता बहु-रुहिर-पंकम्मि ।।। एए वि पुणो पेच्छसु अवरोप्पर-सिंघ-वग्घ-रूवेण । 21 जुझंति रोद्द-भावा संभरिओ पुव्व-वेरि त्ति ।। एए वि पेच्छ जीवा णरए वियणाएँ मोह-मूढ-मणा । 1) J वस for वसामिस. 3) J उवदग्गसव्वद्धा ।।. 4) P अह पत्ते परमाहम्मिए त्ति, P धावंति for पावंति. 5) P हणलुपछिंदह मारे तूरेह. 6) P एतेहिं पुणो धक्कूण णारया जलण. 7) P वयणा for वियणा. 8) P एते for एए. 9) P जीवाणं, P उप्पाइओ दुक्खं. 11) P अ for अह, J अह गलियं, P om. गलियं. 13) J उण. 14) J य for वि, P वेयरणी, P नाम for तत्त. 15) P ज्झडत्ति for झत्ति, P पासं for णासं. 16) P संगलिय, P महाकसण. 17) P वि छिजंति. 18) P एते वि. 19) P बहुभरुहिर. 20) P एते वि गुणो, P वग्घवेण ।. 21) J संभरिउं, P वेर त्ति. 22) P एते, P repeats वियणाए, J मूढवण-सण्णा ।.

Loading...

Page Navigation
1 ... 234 235 236 237 238 239 240