Book Title: Kuvalaymala Part 02
Author(s): Chandraguptasuri
Publisher: Anekant Prakashan Jain Religious Trust
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णिय-जीविय - दुक्ख - भओ धावइ सरणं विमग्गंतो ।। पुरओ वि एस वरओ हलबोलिज्जइ जणेण सव्वेण । ण य जाणंति वराया अप्पा पावेण वेढविओ ।। एसो वि को वि पुरिसो गहिओ चोरेहिँ णिद्दय-मणेहिं । 5 सरणं अविंदमाणो दीणं विक्कोसइ वराओ || एए करेंति एयं किर अम्ह होइ कह वि इमं अत्थं । 7 तेण य पाणं अह भोयणं च अण्णं सुहं होही ।। ण य चिंतयंति मूढा इह जम्मे चेय दुत्तरं दुक्खं । फालण-लंबण-भेयण-छेयण - करि - चमढणादीणं ।। परलोए पुण दुक्खं णरय-गयाणं महाफलं होइ । 11 एयं अयाणमाणा कुमार चोरा इमे लिहिया ।। एसो वि जो मुसिज्जइ पेच्छह एयं पि एरिसं लिहियं । तण्हा-राय-सरत्तो परिग्गहारंभ - दुक्ख ॥। पावइ परिग्गहाओ एयं अह परिभवं ण संदेहो ।
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अह मुंचइ कह वि परिग्गहं पिता णिव्वुओ होइ ।। एसो पडिपहरंतो इमेहिँ घेत्तूण मारिओ वरओ
मा को वि इमं पेच्छे खित्तो अडम्मि पावेहिं ।
(२९३) एए वि हलियउत्ता लिहिया मे णंगलेण वाहेंता । अम्हाण होहिइ सुहं मूढा दुक्खं ण लक्खेंति ।। एए वि एत्थ जुत्ता परयत्ता कड्ढिऊण णत्थासु । 21 खंधारोविय - जूया गलय - णिबद्धा बलीवद्दा || रुहिरोगलंत - देहातोत्तय-पहरेहिं दुक्ख -
- संतत्ता |
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(२९२)
1) J भयो. 2) P पुरओ for वरओ, P तुट्टेण for सव्वेण. 5) P दीणं वक्कोसइ. 6) P एते करेंति एतं किर अम्ह होहिंति इमं अत्थिं, J अम्हं होहिई |, J inter. इमं & कह वि. 7) J पणं पट्ठ for पाणं अह. 8) P जम्मो, J दुक्करं दुक्खं. 9) J भेतण छेतण, P भोयण for भेयण, J चमढणादीअं. 10 ) P देइ for होई. 12 ) Pमि for पि. 13) P रायसरंते, P दुक्खतो. 15) P मुव्वइ for मुंचइ, P व for वि, P ता णिब्भुओ. 17 ) P मं for मा P पेच्छ खित्तो. 18 ) P एते P मे लंगलेण. 19) P मुहं for सुहं, P लक्खंति. 20) P कट्टिऊण. 22 ) J रूहिरोअलंत, P तोतूय, J पहराहिं.

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