Book Title: Kuvalaymala Part 02
Author(s): Chandraguptasuri
Publisher: Anekant Prakashan Jain Religious Trust

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Page 226
________________ (२९३) २२३ 1 पुव्व-कय-कम्म-पायव-फलाइँ विरसाइँ भुंजंति ।। एसा वि एत्थ धरणी फालिज्जइ णंगलेण तिक्खेण । 3 पुव्व-कयं चिय वेयइ बंधइ हलिओ वि णिय-दुक्खं ।। पुहइं जलं च वाउं वणस्सई बहु-विहे य तस-जीवे । 5 दलयंतो मूढ-मणो बंधइ पावं अणंतं पि ।। एसो वि मए लिहिओ पर-कम्मयरो कुडुंबिओ मूढो । 7 पुत्त-कलत्ताण कए पावेतो गरुय-दुक्खाई ।। छेत्तूण ओसहीओ फुल्लिय-फलियाओ मुग्ग-सालीओ । 9 चमढेइ बइल्लेहिं गलए मेढी-णिबद्धेहिं ।। जइ होइ बहुं धण्णं जीवेज कुडुंबयं पियं मझं । 11 ण य चिंतेइ अउण्णो कत्थ कुडुब कहिं अहयं ।। एसो सो च्चिय लिहिओ जर-वियणा-दुक्ख-सोय-संतत्तो । 13 डाहेण डज्झमाणो उव्वत्तंतो इमो सयणे ।। एयं पि तं कुडुंब दीणं विमणं च पास-पडिवत्तिं । 15 किं तुह बाहइ साहसु किं वा दुक्खं ति जं पत्तं ।। जं किं पि तस्स दुक्खं का सत्ती तत्तियं च अवणेउं । 17 एक्केणं चिय रइयं एक्को च्चिय भंजए तइया ।। अह मंत-तंत-ओसह-जोए एसो वि को वि सो देइ । 19 कत्तो से तस्स समं जाव ण भुत्तं तयं पावं ।। (२९४) एसो सो चेय मओ चल-चल्लुव्वेल्लयं करेऊण । 21 मरणंत-वेयणाए किं च कयं हो कुडुबेण ।। अह तस्स एस जीवो पुण्णं पावं च णवर घेत्तूण । 1) P om. विरसाइँ, P adds वसहाओ after भुंजंति. 3) J वेदइ, P बंधइ हिलिओ. 4) J पुहई, J वणस्सई, P बहुविहे य तसजीवा ।. 5) P मूढमणा, J अणतंमि. 6) J य for वि, P कुटुंबिओ. 7) P पावेतो गरूया. 8) P मुग्गसीओ । चमढेहि. 10) P बहू, P कुटुंबयं, P कुटुंब. 11) P सयणं for अहयं. 12) P सो च्चेय. 13) __J इमे, P सयणो ।। एतम्मियं कुटुंब. 14) J पडिवत्ति P परिवत्तिं. 15) P कंमा for किं वा, P om. ति, P जयंता for जं पत्तं. 16) J ताण तंति for तत्तियं च. 17) P भुजंग for भुंजए. 18) J अहमन्नंतउसहजो उवएसो, J से for सो. 20) P सो च्चेय, P चलं. 21) P किं पि हु न कयहो कुटुंबणे.

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