Book Title: Kuvalayamala Part 2
Author(s): Udyotansuri, A N Upadhye
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan
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कुवलयमाला
कप्पूरपूरचंदण १४१ २० । कह कह वि वेयणत्तो ३६ - २१ । कासकुसुमेहिं पुहई २३८ -३ कमलचंदणीलुप्पल ५-३ कह कह वि समासत्था १९२ - ४ । किक्कयकिरायहयमुह ४० - २६ कमलाण जत्थ जम्म १७५ - १८ कह गमिओ ते कालो १९९ - १२ किण्हा णीला काऊ २४५-८ कमलायरस्स लच्छी ११५ - २५ कह गोसे चिय पढमं ४८-२ | किर जिणवरहि भणिय २७४-२५ कमलेण दिणयरो इव १९९ - ४
कह पंडियओ परिसो २३०-२४ किर तं पि य मयकुहिओ २२५ -२० कमसज्जो मज्जारो ५६-२० कह भंडं संवरियं १५३ - १८ किर तं सि महं भइणी २२६ - ३१ कम्ममलविमुक्काण ४२-९ कह वणिज्जइ जा किर८-२७ किर भाउणो विवाहे ४७ - ३० कम्मस्स गई हस्स २८० -३० कह व तए परिणीयं १९९ - १४ किर वाहेण तओ हं २६४ - २७ कम्मरस होइ उदओ २४२ - २ कह व तुम संपत्तो १९९ - १३ किरिया बहू वियप्पा १९७-३२ कम्मेण सिही चित्तो २०६ - २१ कह सा ण वण्णणिज्जा ६४-३५ किरियावाइ गरिंदा १९७ - २९ कयकेसलंचणो सो १४१ - १३
कंखइ भोए अहवा २१८ - २५ | किलकिंचियं च बहसो २६५ -३ कयदारसंगहो हं ४१ - १४
कंचणकमलविहूसिय ९४ - १९ किं अच्छह वीसत्था १९९ - २२ कयपंचमुट्ठिलोओ १४१ - २ । कंठं पिट्ठी लिंग १३१-९
किं अज्ज जोगरज्ज २६०-२० कयलीवणेसु जत्थ य ७० - १८ | कंतीऍ सोम्मदंसित्त १५८ - २१
किं एत्थ समाढत्तं २४५-३१ कयसामाइयकम्मो २७२-९ कंदप्पे कुक्कइए २२२ - २८
किं कट्टे अण्णाण २४५ -३० करघायकुडिलकेसा १५१-१४ कंदफलाई पुरओ ११३ - १६ किं जंपिएण बहुणा १६८ - १३ करताडियमुरवरवु- ८-११ काउस्सग्गण अहो २७३ - १८ किं जीवियं जियाणं १७५ - १२ करवत्तकुंभिरुक्खा २७५-८ काऊण णमोक्कार २७२-८ किं जुज्जइ पुरिसाणं २५२ - १० करवालसिहाणिज्जिय
काऊण दोण्णि पावे
२४६ -१६ | किं ण सुहओ य दाणे १२१ - २५ कलयलसदुद्धाविय १३४-२८ काऊण पुढविपुरिसं २०५ - १९
किं तं पंडियमरणं २७६-१७ कललावत्थासु मओ २७३ - २५, काऊण समारंभ
६६ - २३
किं तं वम्महपिय १०७ -७ कलहं करेंति ते च्चिय ३० -३३ काएण कुणह किरियं २०२ - १४ किं तु पवित्तं सयसेवियं ४८-२९ कल्लाणं ते पुत्तय २६६ - १४ का चिंतिज्जइ लोए १३९ - १ किं तेण जीविएणं १९२-७ कविले पिंगलणयणे १५२ - २७ काणाओ वर अंधो १३० -२७ किं दुत्तरं तिलोए २६२-४ कसिणकमलदललोयण ४-२८ कामगइंद इमा सा २३९ - १५
किं धवल कंदोह १५८-२२ कसिणपडपाउयंगी ८६ - २३ कामगइंदो गइंदो २३८ - १२
किं पक्खिवेमि समुद्दे १२६ - ६ कसिणपडपाउयंगी ८३ - २५ कामभुयंगमडक्का २३६ - १४
किं पायालघरमिण २५५ - १८ कसिणं रुक्खविवण्णं २५३-६
काममहागहगहिओ २२१ -९ किं पुरिसा पुरिसेहिं २०० - २८ कसिणाण विज्जुपुंजु- १४८-९ ।
कामी कामगयमणो . २३२-२६ किं पुहईए गइंदा २०० - २७ कसिणे गिट्टरवयणे १५२ - २४ कामो वि दूरओ चिय ११८-९ किं बहुणा वि सुएणं २१९ -६ कसिणो दुब्बलदेहो ११७ - ८ | कायबलिवइसदेवो २०४ -७ किं भायसि वणमइलीव ७८-२६ कसिणो पिंगलणयणो ६२ - २७ | कायमणवायजोगा १४३ -६ किं मयणो च्चिय रूवी ११६-३२ कह आगओ कह गओ १९९ - १५ कायव्वाइं जाई २७३ - ११ किं मयरमच्छकच्छव १०४-१५ कह कह वि आउयते ३९ - १ कायं वायं रंभइ १४४ - १६
किं मरइ णेय तरुणो २६२ - १२ कह कह वि णेति दियह ११३ - १७ कालम्मि तम्मि को वा १६९ - २८ | किं माणुसीओ तुब्भे २३४ - २१ कह कह वि तत्थ चुक्का ३८-६ काला जीहा दुहिणो १३० - १४ किं मुंचह एक्कपए २५५ -३२ कह कह वि तत्थ मुक्का १९१ - २७ कालायसकम्म
२२ - ६
किं वा करेमि अहयं १३७ - २७ कह कह विदेसणं ७७-२३ कालायसय कम् २६९-१२
किं वा गिरिवरकुहरे १०४ - १९ कह कह वि मूढहियएण ३०-१५ कालण अणतेण वि २१० -७ किं वा णिद्दयअसिपहर- १०४ - १६ कह कह वि विणिक्खंतो ४१ - ८ । काले दाणं दक्खिण्णया २२ - १० । किं वा पयंडभुयसिहर १०४ - १७
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