Book Title: Kuvalayamala Part 2
Author(s): Udyotansuri, A N Upadhye
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan
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कुवलयमाला
जइ तं सि मज्झ २४८-२८ । जइ वि पडामि समुद्दे ४८-१ । जत्थ ण जरा ण मच्चू ७२-१२ जइ तं सि वइरगुत्तो २५०-२४ जइ वि फुलिंगजलण ७८-१३ जत्थ ण जरा ण मच्चू ८०-१४ जइ तीरइ काउं जे ८२ -२ जइ वि वइएसवेसो ८६-१९ जत्थ ण जरा ण मच्चू १४४-१७ जइ तुम्ह इमं रजं. २०७-२३ । जइ वि सिणिद्धं मउयं १५८-१५ जत्थ ण जरा ण मच्चू १९४ - १७ जइ तुम्ह गोवरोहो १२२-२८ जइ सग्गे पायाले अहवा १४-२३ जत्थ ण जरा ण मच्चू २०७-३१ जइ थोवकम्मयाए ९२-१ जइ सच्चं चि य तुरओ २७ - १३ जत्थ ण जरा ण मच्चू २२२-६ जइ दक्खिणेण चलियं १२९-३० जइ सत्तरत्तमज्झे २४७-१६ जत्थ ण दीसइ सूरो २१-१४ जइ दाऊण सयं चिय १७३ - १५ जइ सत्तरत्तमज्झे २४७-२६ जत्थ ण हम्मइ जीवो २०१-३४ जइ दिटुं चित्तयरो २३३ -१८ जइ सव्वण्णु महायस २४३-२३ जत्थ पहियाण सत्थो ११८-२२ जइ दीहा तुंगा विय १२९-२३ जइ सिज्झसि चक्कीण २५३ -१ जत्थ य पुरिसो एक्वेक्कमो ८-१४ जइ देइ विसिटाणं १४१-३१ जइ सुमरसि अप्पाणं १७९ - ३३ जत्थ य फरिहाओ वि ३१-२६ जइ देवो णेरइओ ९५ - १९ जइ सुमरसि कोसंबिं १७९ - ३१ जत्थ य लुप्पइ किरिया १७६-४ जइ धम्मिएण भणियं १७६ - १४ जइ सुमरसि दुक्खाई १७९-३० जत्थ सिलेसो विहडइ १७६ -१ जइ पइसइ पायालं १६६-९ जइ सुमरसि संकेओ १७९ - ३२ जम्मि भवणग्गलग्गं ३१-२३ जइ पइससि पायालं २१२-७ जइ सुंदर अत्थि कुऊहलं ११६ - ३३ जम्मे जम्मे मयवइ १११-३४ जइ पढमं चिय वयणं २३४-३४ जइ सेणतासिओ से १४२-१३ जय अरईरइणासण २६८-१६ जइ पायाले वसिमो
जइ सेवियम्हि कामो २६५ -२४ जयइ जयजीवजम्मण १८०-८ जइ पावफेडणपरो ४८-३१ जइ होइ कलिज्जतो मेरू १०८-१७ जयइ जिणो जियमोहो १८०-९ जइ पुण पुव्वं लद्धो २७९-२२ जइ होइ किंचि दव्वं १९६-७ जयइ य सो धम्मधणो १८० १० जइ पुण सहामि एण्हि २२९-५ जइ होइ णाम मरणं ५९-२८ जय कोवाणलपसरिय २६८.१४ जइ पुत्त तुमे एयं २६२-३४ जइ होइ णिरारंभो वयंस ६६ - १८ जय खग्गग्गणिवासिणि १४-१५ जइ भुंजइ कह व मुणी २०४-२९ जइ होइ बहुं धणं १८६-१३ जय खीरोयमहोवहि १४-१४ जइ मउयं ता वंगं. १९५ - १८ जइ होइ सुद्धभावो २०५ -४० जय जय जयइ कुमारो २७-१ जइ मज्झिमाएँ सरिसो १२९ - १९
जइ होज अइसओ मे ९२-४ जय जय जियाण बंधव २२४-११ जइ मरणेहिँ ण कर्ज २७७-२
जइ होंति तिण्णि वसणा १२९-३२ जय जय गंदा जय जय ९३ -१६ जइ मं मण्णसि मुद्धे १७९-२८
जइ होंति दोण्णि सव्वा १३० -५ जय जय मुणिवर पवरा ११०-१२ जइया णिट्टरदेहा २१४ -३ जइ होंति भालवट्टे १३१ - १९
जय णिज्जियसयल १२४-७ जइया धिईए वलिया २१४ -२ जक्खत्तणम्मि बहुसो २५४ -२३
जय तुंगमहाकम्म? जइया मेहाजुत्ता २१४-४ जच्चंधो केण णरो २३०-२६
जय दुज्जय णिज्जियकाम ३५-१० जझ्या रे पुढविजिओ २७४ -२४ जणणीए पुण भणिओ ४७-२७
जय दुज्जयमोहमहा २६८-१३ जइ रुयसि वलसि २१२-८ जणयमिणं मारेउं ८०-२२ जय धम्मझाणकरवाल १२४-४ जाविण घेप्पइ जीवो ९७-३० जणलज्जणयं पि तहा ८२ -१ जय पढमपयापत्थिव १२८-९ जइ वि ण वंचेसि तुम
जणिओ सि पुत्त दुक्ख २६२ - १८ जय पढमपुरिस जइ वि ण सुओ ण दिट्ठो २०७-२२ जत्तो जत्तो वियरइ ४५ -३१ जय पुरिससीह जय २४२-२५ जइ वि तए उवलद्धा १०५-१ जत्तो पसरइ दिट्ठी २५-११ जय भवियकुमुयवण जड वि तिसलणिवडिय १३-६ जत्तो वियरइ दिट्री २६-२२ जय महुमहवच्छत्थल १४-१३ जइ वि तुम अवहत्थो ८६-१८ जत्तो विलोलपम्हल २४९-३० । जय मायारुसिय २६८-१५ जइ वि तुमं असहाओ ८६-१७ जत्थक्खराइँ की रंति बिंदुणो १७४ -२६ । जय मोहमल्लमूरण २४६-२३ जइ वि तुमं सुसियंगो
जत्थ ण जरा ण मच्चू ४४-८ | जय विजय जयंति जए २०१-२१ जइ वि दरदड्ढमाणुस १३ -७ जत्थ ण जरा ण मच्चू . ६४-११ । जय सयलसुरासुरसिद्ध १२०-४.
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