Book Title: Kuvalayamala Part 2
Author(s): Udyotansuri, A N Upadhye
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan

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Page 364
________________ ADDITIONS AND CORRECTIONS 189 Read उद्धाइया गव्वुत्तुणे अवहरिय चिती -णिम्मविया ॥ -मेत्तण दिन्नाओ, P चियानले P. L. 106. 18 106. 107. 25 108. 108. 108. 30 108. 47 112. 21 113. 21 117. 3 117. 27 118. 25 120. 16-7 120. 21 121. 16 121. 19 121. 20 122. 122. 2 P. L. 150. 8 150. 20 151. 24 151. 46 153. 12 153. 15 154. 28 155. 9 155. 12 155. 16 156. 29 157. 34 159. 11 159. 29 160. 4 160. 18 160. 30 163. 8 163. 9 164. 40 165. 26 166. 11 166. 20 123. 166. Read बाहाजुवलेणं, मरहट्ठयसोरट्ठा तेग भणियं faithfully देसीभासाओ गणि काकणि सवाया लुद्धागयालि दढवम्मस्स कुमारो 'जहाणवेसि'... राइणा य सा। गंतुं ता उवट्टिया णच्चियं -ववएसेहिं जाणसि दइयसुह पयत्तो उववण्णा वणियP खुहिय कज्जं एवं ससुरासुरजुवाणा णियरच्चणाई व पारियाय घण-तरुवर महिंदं पुहइसारो कि च तम्मि य दियहे कीरउ (एस] एरिसो समागयाओ वार पेसेहि त्ति -दढवम्मो गंडूस ...अलज्जं विय पयत्ता इमाए कुवलयमालाए मोत्तण तओ सिद्धं ॥ इंदग्गेई जम्मा 21 123. 7 124. 1 124. 124. 125. 30 127. 29 128. 16 128. 129. 14 129. 17 129. 30 131. 11 136. 24 136. 25 138. 14 142. 1 143. 144. 1 144. 2 144. 8 144. 12 145. 2 145. 38 146. 10 146. 15 146. 31 147. 5 147. 12 147. 147. 27 148. 31 148. 31 20 °सेव्वओवेसओ घरिणिओ बज्झो बाहिउं सयल-जक्ख जक्खराया इमा वलया हंस उल पंतीहि णच्चइ भणइव -पाययासपणे -चलंत णिठ्ठर-थोर मणिमंतो वाहणाइं अंतेउरिया-जणस्स, Omit one जय समुभिज्जमाण उव्वट्टिऊण णाणाइ-किरिया पणामियाई रत्तवण्णय दिट्र-मेत्ताणं भिण्णासंपुण्णा वा संखाई उज्जुए हवंतं ताइँ वि उज्झिऊण पयत्ता उद्धप्पहार अलया-पुरि उज्जोयणसूरि जो पसत्तो सुहम व बायरं वा भणावेइ य भण' विणिज्जरं सजीव...तओ झाइ ॥ भणामि, for संपत्तं ताओ तए जुवइयं, च एयं, सज्झगिरि दव-दव etc., agatha मारुयावेय वावड भण्णमाणेण 'साहम्मियस्स वंदामि' 166. 33 167. 21 168. 21 170. 14 170. 20 170. 173. 10 173. 20 180. 14 180. 18 180. 32 181. 30 182. 26 183. 24 183. 32 184. 1 184. 6 184. 23 186. 21 186. 32 187. 4 188. 189. 22 190. 14 190. 22 194. 29 195. 195. 25 तुम्हे, खिप्पं तं करयंतो अइपुत्तएवं किर वट्टए दीण-विमणा रमणिज्जं । ति एयं जणेमाणा वणदवो पडिवावो, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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