Book Title: Kuvalayamala Part 2
Author(s): Udyotansuri, A N Upadhye
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan
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२as
पजसूई
*121 सव्वजयजीवबंधव ११५.६ । संझावहूएँ णजइ ८२-१३ । साणो दाहिणपासे १८४ -१ सबजयजीवबंधव २३०-२९ । संणिहियजिणवरिंदा ३-३० । सा ते भवतु सुप्रीता १५२-८ सव्वजियसोक्खजणो ३३-२ संती कुंथू य अरो २८४-३ साधुकिरियासु कासु वि २७० -११ सव्वण्णुवयणवित्थर २०७-२९ संतुट्रा सुविणीया २३१-६ सामच्छायं मउयं १५८-१६ सव्वत्थोवं कालं दस ३८-२३ संतोसिज्जइ जलणो १३४-३ सामण्णं चरिऊणं सव्वं इमं अणिच्च २२७-१९ संपइ तं कत्थ गयं ३८-१६ । सामलवच्छत्थल २५८.१४ सव्वंगलक्खणसुहं २०८-१३ संपइ बालत्तणए २५५-१ सामाइयं चउत्थं २२२-११ सव्वं च इमं दुक्खं २१९-१३ संपुण्णदोहला सा १७-१४ सामिम्मि जो ममत्तो २७१-११ सव्वं च तस्स कहियं २६९-१४ संबुज्झह किं ण बुज्मह
सायारगहियणियमो १३७-७ सव्वं जयं अणिचं २१८-१७ संबुज्झह किं ण बुझह ४-२७ सारसरडियं सम्बत्थ १८४-५ सव्वं भो हरइ मणं २५३-३० संभमपलाणवणमझ ७३-५ । सारसि मरसि सरंती
१८१-१७ सव्वं सरियं जम्मं १९४-८ संभमविलासमीसं २४९-२७ | सारीरबलुम्मत्ता २१३ -३३ सव्वाई पि इमाई २२८-२१ संभिण्णं सो पेच्छा २०२-२० | सारीरे वि हु दुक्खे २३०-१० सव्वाण आसि मित्तं २०२-८ | संमाणेसु परियणं ४३ -३० सारो जइ णीसंगो २०४-१३ सव्वाणं पि पसंसा २७०-१५ | संलेहणाएँ जीविय २२३-३ सालंकारा सुहया ललिय ४-१८ सव्वे जाणति गई २५१-८ | संवच्छरमेत्तेणं १०४-४ सालिवणउच्छुकलिए ७२-३४ सव्वे णाडयजोगा कहा २२-८ संवच्छरमेत्तणं जइ १०८-१९ सावत्थीणरवइणो २५०-१६ सव्वो जीवाहारो २०६-९ संवच्छरमेत्तेणं जइ १०८-३० सा वलइ खलइ वेवइ २३६ -१ ससमयपरसमयाणं ३४ -१२ संवेगलद्धबुद्धी
४९-१० सा सिवपुरि त्ति भणिया २८०-१४ सससंबरमहिस
४०-४ संवेल्लिऊण वत्थं १५४ -२१ | साहम्मिओ त्ति काउंणिद्धो १११-३० ससियरपंडरदेहा कोसिय १६-३ । संवेल्लियग्गहत्थो १५४ -१५ | साहसु मह सब्भावं २६६-३६ ससिसूरवज्जचक्कंकुसे १२९-१६ संसारगहिरसायर ९५-२५ | साहति मज्झ गुरुणो ३८-१२ सहरिसणरवइचिर
संसारणगरकयवर ३८-२८ | साहति साहुणो मे ३८-१३ सहस चिय खरफरुसो ६८-१३ संसारदुक्खतविए ९०-३ साहासु पसाहासु य २४९-९ सहस च्चिय धरणियले ९६-२९ संसारदुक्खतविए २१८-१४ साहीणदइयसंगम २५-२४ सहसुद्धाइयरहवर ९६-२१ संसारभावमुणिणो ३४-१४ साहीणपिययमाण ५१-३२ सहिदंसणेहि दियहं १४७-३३ | संसारमहाकंतारकेसरी ३२-२८
साहूण णमोक्कारं
२७९-१ सहि सचं चिय सूरो २६-११ संसारमहाजलहिं २३०-९ । साहूण णमोकारो २७९-८ सहि संपइ मज्झ घरं ८३ -१२ संसारम्मि अणते ३०-१३ साहूण णमोक्कारो २७९-९ सहि होज फुडं णारायणो त्ति २६-३ संसारम्मि अणते २२८-७ साहूण णमोकारो २७९-१० संकाकखाविइगिच्छा २१८-२३ संसारम्मि असारे
सा हेमतारभिण्णा १९७-३३ संकोडियरत्तकरो २६०-५ संसारम्मि कडित्ते १९३-८ | साताण वि धम्म ९०-७ संकोडियंगमंगो २५४-३२ संसारसायरम्मि १४६ -११ | साहेति जे वि धम्म २७७ -१८ संखं जोगो वारिसगुणा २२-२
संसाराडइमज्झे १७७-३१ | सिझंति जे वि संपइ २७७-२७ संघाडएसु जइ तिण्णिसु २४-७ संसारे दूरपोर जलहिजलसमे ४४-९ सिद्धाण णमोक्कार २७८-६ संचारियाएँ अण्णा ८३-१७ संसारो अइभीमो १३९-२७ सिद्धाण णमोक्कारो २७७.२६ संजमकच्छ अह १९३-१४ संसारो कह व थिरो २३०-२८ | सिद्धाण णमोकारो २७८-४ संजमदसणजोयं १९३-१६ सा चंडवायवीई २१०-११ | सिद्धाण णमोक्कारो २७८-५ संजोयविप्पओगं ४१-२ सा णत्थि कला तं णत्थि १६-२७ | सिद्धाणायरियाणं २७२-३३ संझाएँ समासत्तं रत्तं १५-२८ । साणप्फोडणतोडण ४१-३० । सिद्धिपुरिसाहयाणं ४२-११
कु. मा. १६
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