Book Title: Kuvalayamala Part 2
Author(s): Udyotansuri, A N Upadhye
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan
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*100
खरपवणुद्धयदीविय खपुढी खल्लइयचम्मवयणो
ती देसु चित्तं
खंती य मद्दवज्जव दाणं रुद्राणं
खाणे कूवतला खामे अहं म
खामि सव्जीवे
खाममि सव्वसत्ते
खीरासविणो णमिमो
खुज्जा य पंगुला वामणा
खेत हिरणे घ
खत्ताणुबंधिकम्मं
खेत्तादिकम सीमा
खेमंकरी य सुहया खेलति वग्घवस मुइए खोडण खणणविदारण खोभंता बलवज्जिरतूरं
ग
गज्जसि अलज्ज कुराओ कणयं
गज्जंति घणा णचंति
गर्धन्यतरो वर्णः
गमणरयखुडियहारा
गमागमवियपो
गमागम्महियाहिय
गम्मागम्मं जाणइ
गयणसरे ताराकुमुय गयणम्मि कति सरा गययणो सेणवई
गणगणं व रुंद
गयसी पउमपीया
ओ सिहिणाण भरो गलिया वि मच्छपुच्छ गव्वभर मउलिच्छो गणं च ते विट्ठा गहरा सिगुणम्मि सुहे गहिए हिँ तहँ सुपुरिस गहियदररुइरलीवा
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१८६ - २९
४४-२६
६४-२५
७२-१०
९६-१
२८१ - १८
२०५-३
२७१-२८
२७२-२
२१८-१२
२८३-१७
४१ - १
२२२-२५
२४२-८
२२२-२६
२८० - १५
२८-२२
३९-९
१७१-१९
१४८-४
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१०१-१९
१२९-८
२५-४
१४३ - ३
७२ - २२
१४३-३०
२३८-१
१३६-१९
१३०-२२
१७३ - ३३
१३०-१५
२४९ - २५ २०९-२७
४९ - ३१ २४५-१३ १९-८
२५० - २६ ४६ - १४
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कुवलयमाला
गहियपलाला
गहियसगाह दलम्मि
गहियं पिजं पि भत्तं
गंगाजल हाओ
गंतव्वं ते अज्ज वि
२७-२४
गंतव्वं त अज्ज वि गाउय २९-२८
गंतूण गिरिवरेसुं
२०४-३५
३९-१६
४३-६
३१-२१
गंतूणमचाएंतो
गंधव्वतालतंती
गंभीरणी फरहा
गंभीरदक्खिणावत्ता गंभीरधी गरुओ
गामणगरखेड कब्बड
गामाओ छप्पुरिसा
गामे यरे अदिण्णं
गायंति के विमहुरं गिज्जंत सुमंगलमणहरए
गिरिकुहरवियढ सामल
गीरवभंगणासिय
गिरिरुक्खसणाहाणं
गीलिज्जइ मयरेणं
गुणरहिए वहुपे
सामसु
गुत्तहिं तीहिं गुत्तो
गुरुकम्म सेलवज्जं गुरुगहि पंकखुत्तो
गुरुडाहडज्झमाणा
गुरुणिद्धभिचबंधव
गुरुथणणियं पब्भार
गुरुदिण्णयियवियणं
गुरुदेव दयादीहिं
गुरुदेव साधू
गुरुबालतवस्तीर्ण
गुरुंभडभारगरूयं
गुरुयणवचणतुरियं गुरुवेणदुखतो
गूढच उत्थयपायं
गूढं पवयणसारं गण्हसि अदिण्णयं चिय
गेहसि परिग्गहं रे
१६९-१९
९-१२
२२०-६
२०५-७
१३०-४
१७४-१६
२६१-१४
२४५-१२
१४४-३
९३-१४
१७१-१८
१२८-२०
९६-१४
२३८- २
२०९-२५
२५१-७
७-२
२७२-१५
२१५-१६
३९-२६
३७-३३
२५८-३३
१३६-४
१०७-१२
१६८-३२
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२७०-१२
१०६-१३
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१७६-९
२७८-१२
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३७-६
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गह दंसणमंड
हसु आगमलउड
हसुस महिंसा ture को वा
हह हह रे रे
हामि इमं दिक्ख
यस्स दिण्णकण्णो
गेहूं जाण तरुतलं गोडाम
गोदम जह य रसिंदो
गोदम जं मे पुच्छसि
गोदम बहुए पुरिसा
गोभूमिघण्णदाणं
गोमहिप कर
गोमासे पडिसेहो
गोयम जं मे पुच्छसि
गोरूयस्स व छीत
गोवग्रं भिरुद्दाम गोविंददरुद्दा
गोसे चिय हलियवहू
गोसे मज्झ वा
घ
ass मियंको सामलि घणद्धकुंचिय घणघणमुक्को
घयलोणिय पुगे घरभोग जाणवाहण
घरवासपासबद्धा
घरहारिया वि एसा
ira गुंजा विय घादि विद्ध घादिययचित्तो
पर जलम् मच्छो
चइऊण घरावासं
चऊण सव्वसंग
चवीस अंगुलाई
चउसण्णा विप्पजढे
चक्कं छत्तं रयणं
चक्का तुम राण
१९३ - ६ १९२ - २९
१६२ - ३०
५१ -१०
४८ - १२
२७० - ७
४०-१
१२६ - २२
२२८-३०
२५८-७
२५६-२९
२४५ - ४
२०५ - ३५
२३१ - ३२
२०६-१३
२३०-३१
१८४ -४
११२ -८
२५६ - ३१
१७६ - १६ २७६-१०
२६-५ १५८ - २३
१६९ - १८
१५३ - ४
२२२ - १३
९०-१६
१८९-९
९६ -१२
२२८-३२
२५५-६
२५१ - १
८०-४
२०४-११
२३-२७
२७९-५
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