Book Title: Kuvalayamala Part 2
Author(s): Udyotansuri, A N Upadhye
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan

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Page 276
________________ पजसूई *101 चक्कायजुवलसुहया ३-२० । चोज ण होइ एयं २८१-१९ । जइ एवं कीस इमं १३७-२४ चक्खुसिणहे सुहओ १३१ -१० चोदस पुव्वीण णमो २७८-८ जइ एवं णिण्णेहो २६५-१९ चत्तारि दोण्णि तिण्णि १७५ - ११ चोरो त्ति जिंदणिज्जो १३६ -१३ जइ कह वि अहं णिहओ १८८-२ चत्तारि परमंगाणि २०९-१६ चोरो त्ति जिंदणिज्जो १३६-३२ जइ कह वि वीसओ सो १९-२४ चत्तारि वियणकज्जे २४६ -१४ चोरो त्ति मज्झ वज्झो २५२ -२३ | जइ काममोहमूढो २६५-२२ चत्तारि होति जस्स य १३१ - २० जइ किर जलस्स चुक्कइ १९-२१ चमराइँ आयवत्त १८४ - १९ छउमत्थो मोहमणो २७३ - ४ जइ किंचि लिंगभिण्णं २८१-२९ चलचवलकोंडलधरा ४२-१३ छज्जीवणिकायाणं २७६ -१९ जइ कुणह तवं विउलं १९३ -२९ चलणंगुलिणिम्मल १५८ - १४ छण्ह वि जीवणिकायाण २७१-३३ जइ गासि धासि दुम्मण २१२-९ चलणंगुलिणिम्मलणह २९-१२ छप्पण्णयाण किं वा ३-२५ जइ घडियं विहडिज्जइ ६६-३१।। चलियस्स तित्थयत्तं ४७.२६ छमछमछमस्स अण्ण ३६-३० जइ छुब्भह पायाले २१९ -३ चलिया मि तत्थ सुंदर ८६ - २८ छलघाइ ति य चोरो १३६ -१४ जइ जलणम्मि मरंतो १०९-२२ चंकमिएहिं तह पुलइएहिँ २१ - ११ छंदंवित्तिणिरुत्तं १५१ -९ जइ जाणसि संसारे १७९-२९ चंडाल भिल्लडोंबा ४० - २९ । छारस्स होइ पुंजो २७५-२६ जइ जाणसि सुंदर चंडो माणस्थद्धो २३०-३३ छिज्जंति वणस्सइणो ३९-१० जइ जाणिऊण इच्छसि २६८-२६ चंडो सोमो व्व पई ४६-३१ छिजंतु इमाओं परं २४५-२५ जइ जीवइ पंचासो मरइ १९-२७ चंदकुलावयवेणं २८३.४ छिण्णकरचरणजुयला जइ ण कओ तुम्ह कुले २३४ - २७ चंदणणंदणएला १४९-९ छिण्णो पडिहिइ एसो २४५-२३ जइ ण णिसुओ कहं २०७-२७ चंदणलयाहरेसुं ७०.१७ छीतं सव्वं पि ण सुंदरं १८३ -३२ जइ णत्थि कोइ जीवो २०५ -३३ चंदणदणमंदार १६६-१६ छुब्भति कढयदंते ३९-११ जइ णव महाणिहीओ ८१-२३ चंदमणिभवणकिरणु छेत्तूण ओसहीओ १८६-१२ जइ णाम कह वि एसो २६-२० चंदा सूरा पढमं १४३ - १६ छेत्तूण णेहणियले २६१ -२७ जइ गासवच्छकंठो १३१-८ चंपयअसोगपुण्णाग छत्तण देमि तुझं २४८-२३ १६६-१७ जइ णे भणति गुरुणो ३८-१४ चंपयकलियं मयरंद ३३ - २३ छेदेण वि सुज्झंती २७३ -१९ जइ णे भणंति साधू ३८-१५ चंपावइणामाई छयणफालणडाहण २७४ -२९ जइ तइया...आरूढो २५२-५ २१४-८ छयणभेयणताडण चारणसमणे पणमह २७६ -२६ २८३-१४ जइ तइया...तव २१४ -९ चारित्तणाणदसण २१५-९ जइ तइया...तव २१४-१२ चारित्तसीलकिरणो २७८-१६ | जइ अक्कोसइ बालो ८१-४ जइ तइया...रज्ज २१४-११ चारित्तं पि ण वट्टइ २७९-१६ | जइ अत्थि कोइ णरओ २६७-४ जइ तइया.. वय २१४-१० चित्ताचित्तो मीसो २७१-५ जइ अत्थि कोइ धम्मो २००-३१ जइ तइया विरमंतो ४२-१८ चिरजीविणीए अम्मो २६३ - १० जइ अप्पा पावमणो ४८-२७ जइ तइया....सम्मत्त २१४-६ चिंतामीण व गेहसु १७८-२३ जइ अहिणवगजंकुर १०७-१४ जइ तइया....सुय २१४-७ चिंतिज्जइ जो वि ११३-१८ जइ अंगसंगमेणं ४८-३२ जइ तस्स तारिसं चिय २५७-६ चिंतेमि मुट्टिगेज्झो १५८-१८ जइ आवटै दव्वं १९५-१५ जइ तं उसभपुरे च्चिय २५०-८ चिंतेसु आसवाई २२८-२४ जइ इच्छिसि परलोगो २५४-८ जइ तं जाणसि मुद्धे १८० - १ चिंतेसु णिज्जरं चिय २२९-४ जइ इट्ठदव्वविरहे २२०-३२ जइ तं पंथविमूढो २५०-६ चिंतेसु ताव तं चिय १३७-१ जइ उवरिं सो तणुओ १०४-३० जइ तं मज्झ ण साहसि २४९-३ चिंतेसु संवरं चिय २२९ ३ जइ एक्को च्चिय अप्पा २०४-१ ।। जइ तं वचसि णरय २६२-२४ चुक्को चउप्पयाओ १९-१८ । जइ एक्को च्चिय जीवो २०६ -२५ जइ तं वच्चसि सामिय २६५-२६ चूयकलियाए भमरो ..३३ - २६ । जइ एक्को णरणाहो २००-३३ / जइ तं विज्जासिद्धो २५२ -१२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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