Book Title: Khartar Gaccha Diksha Nandi Suchi Author(s): Bhanvarlal Nahta, Vinaysagar Publisher: Prakrit Bharti Academy View full book textPage 7
________________ (vi) जिनलाभसूरि-(१८०४-१८३३), धर्म (४६), शील (५१), दत्त (५२), विनय, रुचि (५३) राज (२४), शेखर, कमल (५५), सुन्दर (५६), कल्याण (५७), कुमार (५८), धीर (५९), उदय (६०), हेम (६१), सार, प्रिय (६२), कीर्ति (६३), प्रभ (६४), मूर्ति, सोम (६५), जय (६७).. जिनचन्द्रसूरि-(१८३५-१८५४), चन्द्र, विजय (६७), प्रमोद (६६), निधान, सिन्धुर (७०), रंग (७१), कुशल (७३), मेरु (७४), समुद्र (७५), नन्दन (७६), रत्न, हंस (७७), वर्द्धन (७८), भद्र (७६), हर्ष (८०), वल्लभ (८१) जिनहर्षसूरि--(१८५६-१८९०), आनन्द (८१), सौभाग्य, सागर (८२), कल्लोल (८४), भक्ति (८५), विलास (८६), विमल (८८), मन्दिर (८६), कलश (६२), धर्म (६३), लाभ (६४), सिंह, तिलक (६५), विनय (६७), शेखर (१००), शेन, रुचि (१०१), शील (१०२), माणिक्य (१०३), राज, प्रिय (१०४), जिनमहेन्द्रसूरि-(१८६२-१९०७), पुरन्दर (१०५), उदय (१०६), सुन्दर (१०८), कीर्ति (११०), कल्याण (१११). जिनमुक्तिसूरि-(१९१५-१९५५). सुख ((११३), प्रधान (११४), रत्न (११६), आनन्द (११८), राज (११६). जिनचन्द्रसूरि- (१९५७- ) विमल (१२०), रत्न (१२१). जिनधरणेन्द्रसूरि-(२००३- ). सुन्दर (१२२). भाव चारित्र धारक-सूची- (१२२). साध्वी दीक्षा नन्दी सूची-(१९८३-१६२८) १२३-१२७. बीकानेर शाखा--- जिनसौभाग्यसूरि-(१८६२-१९१६). कीर्ति, धीर (१२८), सुन्दर, प्रधान (१२६), सोम (१३०), निधान (१३१), लब्धि (१३२), वल्लभ (१३३), मण्डन, जय (१३४), रंग (१३५). जिनहंससूरि-(१९१७-१९३४). कमल (१३५), अमृत (१३६), सार (१३७), उदय (१३८), वर्द्धन (१३६). जिनचन्द्रसूरि- (१९३५-१६५४). पद्म, दत्त (१४०), भद्र (१४१), कुशल (१४२). Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
1 ... 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 ... 266