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खरतर गच्छ दीक्षा नन्दी सूची
वि० सं० १७०७ से
॥ श्री जिनकुशलसूरिजी सदा सहाय छे ||
संवत् १७०७ वर्षे वैशाख सुदि ३ दिने श्रीजेशलमेरु मध्ये भट्टारक श्रीजिनरत्नसूरिभिः 'लाभ' नन्दी कृता ।
[गृहस्थ नाम ]
मोहण
केशव
डाहा
हेमराज
वस्तौ
खेतसी
वीदा
अमीचन्द
भूपति
ठाकुरसी
संतोषी
खेतसी
सांवल
लद्धौ
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[दीक्षा नाम ] महिमालाभ
कनकलाभ
।। मगसिर सुदि १२ जेशलमेरु मध्ये ||
आपरै
आपरे
दयालाभ
हर्षलाभ
विद्यालाभ
क्षमालाभ
विजयलाभ
उदयलाभ
[गुरु नाम] उ० राजविजय गणेः पद्मरंग रौ
सुमतिलाभ
कुशललाभ
सुखलाभ लक्ष्मीलाभ
आपरइ
आपरे
आपरे
सुमतिधर्म
॥ श्रीमेड़ता मध्ये फागुण वदि १ दिने ||
भक्तिलाभ
शान्ति लाभ
कुशलधीर रौ
शान्तिहर्ष रौ साधुहर्ष रौ
कुशलधीर रौ
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सुमतिरंग रौ सहज हर्ष रौ
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