Book Title: Khartar Gaccha Diksha Nandi Suchi
Author(s): Bhanvarlal Nahta, Vinaysagar
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 259
________________ २०२ खरतरगच्छ दीक्षा नन्दी सूची ८. गुमान मुनि-डभोई निवासी, दीक्षा १९४७ बंबई। बड़ी दीक्षा १६४८ मि० सु० ५ सूरत । इनके शिष्य क्षमामुनि और प्रशिष्य विनयमुनि थे। ६. सुमति मुनि-सांकलचंद भाई अहमदाबाद के। दीक्षा १९४७ बंबई, बड़ी दीक्षा १६४८ मि. सु. ५ सूरत । इनका शिष्य था सौभाग्यमुनि । .. क्रमांक ८-९ गुमानमुनि एवं सुमति मुनि किस गच्छ की क्रिया करते थे ? अन्वेषणीय है। १०. हेममनि-जन्म नाम हरगोविन्द, बडनगर के। लघु दीक्षा १६४७ बंबई, बड़ी दीक्षा १६४८ मि० सु० ५ सूरत । इनके दो शिष्य थेकेशर मुनि, तारख मुनि। पंकेशर मुनि-जन्म नाम केशवजी, चूडा के। दीक्षा १६५२ या १६५३; इनके चार शिष्य थे—गजमुनि, पूर्णानन्द मुनि, देवेन्द्र मुनि, बुद्धिमुनि। गणि बुद्धिमुनि-जन्म नाम-नवल, जन्म सं० १९५४, बिलारे के। दीक्षा सं०, गणिपद सं० १९६५, स्व० २०१८ श्रा० सु० ८ । इनके ३ शिष्य-साम्यानन्द मुनि, रैवतमुनि, जयानन्द मुनि। जयानन्द मुनि-जन्म १६६०, मुंद्रा के, जन्म नाम जयसुख, दीक्षा २११६, विद्यमान हैं। इनके शिष्य कुशल मुनि (दीक्षा १६ मई १९७६) है। ११. कमल मुनि-दीक्षा १९५६-५८ के बीच। इनका शिष्य चिमन मनि था। १. पं० हर्षमुनि, उद्योतमुनि आदि की विशाल शिष्य परम्परा आज भी विद्यमान है, किंतु उनकी तपागच्छ की मान्यता होने के कारण यहां उल्लेख नहीं किया गया है। २. श्री मोहनलालजी म० के समुदाय में खरतरगच्छीय परम्परा में आज केवल ३ साधु विद्यमान हैं, वे हैं १. राजेन्द्र मुनिजी, २. जयानन्द मुनिजी (गणि बुद्धिमुनिजी के शिष्य) और ३. इनके शिष्य कुशलमुनि । ३. इस समुदाय की १-२ साध्वियां ही आज विद्यमान हैं किंतु सहयोग और साधनाभाव के कारण उनकी सूची यहां देने में हम असमर्थ हैं। Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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