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श्रीसुखसागरजी म. के साध्वी समुदाय की दीक्षा सूची
उद्योत श्री-जन्म नाम-नानीबाई, श्री राजसागरजी की शिष्या रूपश्रीजी
के पास सं० १९१८ माघ सुदि ५ को दीक्षा। सं० १९३२ में सुखसागरजी के सानिध्य में क्रियोद्धार। प्रमुख शिष्याये-१.
धनश्री, २. लक्ष्मीश्री। लक्ष्मी श्री-जन्म नाम-लक्ष्मीबाई । दीक्षा १९२४ मिगसर वदि १० । प्रमुख
शिष्याये - १. पुण्यश्री' २. शिवश्री (सिंहश्री) ३. मगनश्री इन्हीं प्रवर्तिनी पुण्यश्री और प्रवर्तिनी शिवश्री का शिष्या समुदाय विशाल होने से साध्वी समुदाय भी पुण्य-मंडल अथवा प्र० पुण्यश्री परम्परा एवं शिव-मण्डल अथवा प्र० शिवश्री परम्परा समुदाय के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
प्र.पुण्यश्री-जन्म नाम पन्नीबाई, जन्म सं० १९१५ वै० सु० ६ । दीक्षा
१६३१ बैशाख सुदि ११ । स्वर्गवास १६७६ फागुन सुदि १०
जयपुर। प्र०शिवश्री-जन्म १९१२, जन्म नाम-शेरू । दीक्षा १९३२ वैशाख सुदि
३ । स्वर्गवास १९६५ पौष सुदि १२ अजमेर।
प्रवर्तिनी पुण्यश्री समुदाय/पुण्य-मण्डल के साध्वीसमुदाय की दीक्षा सूची व्यवस्थित रूप से "पुण्य जीवन ज्योति" एवं “परिचय पुस्तिका" में प्राप्त होती है। इन्हीं को आधार मानकर सूची प्रस्तुत की जा रही है।
१. सुख चरित्र पृ० २०७ के अनुसार पुण्यश्रीजी लक्ष्मीश्रीजी की प्रशिष्या थी। २. प्र० सज्जनश्री लिखित ३. साध्वी विद्युत्प्रभाश्री लिखित
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