Book Title: Jinvani Special issue on Samyagdarshan August 1996
Author(s): Dharmchand Jain
Publisher: Samyag Gyan Pracharak Mandal

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Page 421
________________ ४०४ जिनवाणी- विशेषाङ्क बजाने में बाधा नहीं पड़ती। लेकिन तुम तत्क्षण दबा देते हो कि वह चोर है, वह क्या बांसुरी बजाये । तुम अपने दोषों को छिपाये चले जाते हो। तुम अगर क्रोध भी करते हो तो जिस पर क्रोध करते हो उसी के हित के लिये करते हो, सुधार के लिये, एक तरह की सेवा समझो । अगर तुम बच्चे को पीटते भी हो, तो उसी के भविष्य के लिये। हालांकि कभी पीटने से, किसी का भविष्य बना नहीं, बिगड़ा भले हो । मां अगर बेटे को पीटती है, तो सोचती है, क्योंकि वह कपड़े खराब कर आया, धूल-धवांस में खेला, या गलत बच्चों के साथ खेला। लेकिन अगर भीतर खोज करे तो पायेगी कि वह क्रोध से उबल रही थी । पति से कुछ झंझट हो गई थी। पति पर न फेंक पाई क्रोध को, बच्चे की प्रतीक्षा करती रही। क्योंकि यह बच्चा कल भी उन्हीं बच्चों के साथ खेला था और कल भी यह धूल-धवांस से भरा लौटा था । बच्चे हैं- लौटेंगे ही। बच्चे बूढ़े नहीं हैं और समय के पहले उन्हें बूढ़ा बनाने की चेष्टा बड़ी खतरनाक है । उनके लिये अभी कपड़ों का कोई मूल्य नहीं है और शुभ है कि कोई मूल्य नहीं है। क्योंकि जिस दिन कपड़ों का मूल्य हो जाता है उसी दिन अपने भीतर के सब मूल्य खो जाते हैं । जैसे पानी नीचे की तरफ बहता है, ऐसे ही क्रोध भी अपने से कमजोर की तरफ बहता है। बच्चे से ज्यादा कमजोर और तुम क्या पाओगे ? बच्चे से ज्यादा कोमल और तुम क्या पाओगे ? पति अगर नाराज हो जाता है, दफ्तर में मालिक से, तो घर पत्नी पर अपनी नाराजगी निकाल लेता है । पत्नी नाराज हो जाती है, बच्चे पर निकाल लेती है। बच्चे को तुमने देखा । जाकर अपने कमरे में बैठकर या तो किताब फाड़ डालेगा, या अपनी गुडिया की टांगें तोड़ देगा, क्योंकि अब और कहां निकाले । सारा संसार वहां खत्म हो जाता है 1 मुल्ला नसरुद्दीन का बेटा उससे पूछ रहा था । एक आदमी मुसलमान था, हिन्दू हो गया। उसके बेटे ने पूछा कि पिताजी, इसको हम क्या कहें ? मुल्ला ने कहा, 'क्या कहना, गद्दारी है। जो आदमी मुसमलान से हिन्दू हो गया, यह गद्दारी है ।' पर उसके बेटे ने कहा कि कुछ ही दिन पहले, एक आदमी हिन्दू से मुसलमान हुआ था, तब आपने यह न कहा ? उसने कहा कि वह धर्म- रूपान्तरण था । उस आदमी को बुद्धि आई थी, सद्बुद्धि का आविर्भाव हुआ था । तो जब हिन्दू मुसलमान बने, मुसलमान कहता है, सद्बुद्धि, और जब मुसलमान हिन्दू बन जाये तो गद्दार | यही हिन्दू के लिए मूल्य है । मैं एक जैन संत को जानता था । वो हिन्दू थे और जैन हो गये। तो जैन उनसे बड़े प्रसन्न थे, हिन्दू बड़े नाराज थे । हिन्दू उनकी बात भी न करते । लेकिन जैन उन्हें बड़ा सम्मान देते, उतना सम्मान देते, जितना कि उन्होंने कभी जैन सन्तों को भी नहीं दिया था। क्योंकि इस आदमी का हिन्दू से जैन हो जाना, इस बात का सबूत था कि जैन धर्म सही है । तब तो कोई हिन्दू जैन होता है, नहीं तो क्यों होगा । Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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