Book Title: Jinvani Special issue on Samyagdarshan August 1996
Author(s): Dharmchand Jain
Publisher: Samyag Gyan Pracharak Mandal

View full book text
Previous | Next

Page 457
________________ सम्यग्दर्शन विशेषांक, 1996 RECEMBEEGREEजन गुरु हस्ती के दो फरमान । सामायिक स्वाध्याय महान्।। सम्यग्ज्ञान प्रचारक मण्डल की प्रमुख प्रवृत्तियाँ MONSOONSOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOO जिनवाणी पत्रिका का 53 वर्षों से नियमित प्रकाशन | ज्ञान एवं चरित्रवान सुश्रावकों, स्वाध्यायियों, योग्य, धार्मिक अध्यापकों तथा मेघावी प्रचारकों को तैयार करने हेतु स्वाध्यायी एवं शिक्षक-प्रशिक्षक शिविरों का आयोजन। धार्मिक शिक्षण शिविरों तथा धार्मिक पाठशालाओं का संचालन। सन्त-मुनियों व महासतियाजी के चातुर्मास से वंचित क्षेत्रों में पर्युषण पर्व पर शास्त्र-व्याख्यान, चौपाई आदि वाचन हेतु योग्य स्वाध्यायियों को भेजकर जैन संस्कृति के रक्षण, प्रचार एवं प्रसार में योगदान। आगम एवं अन्य विविध प्रकार के सत् साहित्य का प्रकाशन। - "जिनवाणी" परिवार RECERREARRESEREEEEEEEEEEE HHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHH Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 455 456 457 458 459 460