Book Title: Jina Siddhant
Author(s): Mulshankar Desai
Publisher: Mulshankar Desai

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Page 12
________________ । जिन सिद्धान्त द्रव्य में परिणित न होजावे तथा एक गुण दूसरे गुणके रूप में न होजावे अर्थात् एक दूसरे से मिल न जाये ऐसी शक्तिका नाम अगुरुलघुत्र गुण है ? प्रश्न-प्रदेशत्व गुण किसे कहते हैं ? उत्तर-जिस शक्ति के निमित्त से द्रव्य का कोई भी आकार नियम से रहे उस शक्ति का नाम प्रदेशत्व है। प्रश्न -द्रव्य के कितने भेद है ? उत्तर-६ भेट हैं-(१) जीव द्रव्य, (२) पुद्गल. (३) धर्मास्तिकाय, (४) अधर्मास्तिकाय, (५) आकाश (६) काल । प्रश्न-जीव द्रव्य किसको कहते हैं ? उत्तर---जो देखता जानता हो, सुख दुःख का अनुभव करना हो और मनुष्य, देव, तिर्यञ्च, नारकी अवस्था धारण करता हो उसको जीव द्रव्य कहते हैं। प्रश्न-देखना, जानना जीव का क्या है ? उत्तर---देखना जानना जीवका स्वभाव भाव है, जिसका कभी नाश नहीं होता। प्रश्न-सुख दुःख जीव का क्या है ? उत्तर--सुख दुःख जीव की विकारी पर्याय है, वह विकारी पर्याय बदल जाती है। प्रश्न- मनुप्य, देव, आदि जीव का क्या है ?

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