Book Title: Jainagam Sukti Sudha Part 01 Author(s): Kalyanrushi Maharaj, Ratanlal Sanghvi Publisher: Kalyanrushi Maharaj Ratanlal Sanghvi View full book textPage 7
________________ पाक ......... प्रतियां--परिचय और सूचनाL. [जिन आगम-प्रतियो से ये सूक्तियाँ संकलित की गई है, उनका परिचय और तत्सम्बन्धा सूचनाएं इस प्रकार है ] १-दशवकालिक सूत्र और २ उत्तराध्ययन सूत्र पूज्य श्री आत्माराम जी महाराज द्वारा सपादित और लाला ज्वाला प्रसाद जी तथा जैन शास्त्र माला कार्यालय लाहौर द्वारा क्रम से प्रकाशित : ३-सूयगडाङ्ग सूत्र. स्वर्गीय आचार्य श्री जवाहिरलाल जी महाराज द्वारा संपादित रोग श्री सघ राजकोट द्वारा प्रकाशित। ४-आचाराङ्ग सूत्र. मिद्ध-चक्र साहित्य प्रचारक समिति बम्बई द्वारा प्रकाशित । ५-उववाद सूत्र, ६ ठाणांग सूत्र और ७ नंदी-सूत्रः स्वर्गीय आचार्य श्री अमोलख ऋपि जी महाराज द्वारा अनुवादित कौर लाला जैन-शास्त्र भंडार हैदरावाद द्वारा प्रकाशित । सूचनाएं १-सूयगडाङ्ग-सूत्र की सूक्तियाँ केवल प्रथम श्रुत स्कध मे से ही और उत्तराध्ययन सूत्र की सूक्तियाँ प्रथम से बतीस अध्ययन में से ही सकलित का गई है। २-आचाराग सूत्र की सूक्तियाँ, बम्बई की प्रति में जिस क्रम से यह दिया गया है, उसी क्रम से सख्यानुसार उद्धृत की गई है । ३-उववाई-सूत्र की सूक्तियाँ केवल सिद्ध--वर्णन में से ही ग्रहण की गई है। ४-नदी सूत्र की केवल प्राथमिक मंगलाचरण की याथामो में से ही कुछ एक सूक्तियाँ ली है । ५-ठाणाङ्ग सूत्र की सूक्तियाँ स्थूल दृष्टि कोण से ही एकत्र की गई है। ६-इन सात सूत्रो में सग्रहित सूक्तियो के अलावा आर भी एक सूक्तियां है, जिन्हे यथा समय सुविधानुसार अन्य सूत्रो की सूक्तियो के साथ द्विताय भाग में सकलित करने की भावना है। ।Page Navigation
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