Book Title: Jain Yog Granth Chatushtay Author(s): Haribhadrasuri, Chhaganlal Shastri Publisher: Hajarimalmuni Smruti Granth Prakashan Samiti Byavar View full book textPage 5
________________ 空空个个个个令个个容个个个个个个卒卒卒夺个个 * विदुषी श्रमणीरत्न महासती श्री उमरावकुवर जी महाराज के ५६ वें जन्म दिवस के उपलक्ष्य में संकल्पित प्रकाशन 22- . जैन योग ग्रन्थ चतुष्टय-आचार्य श्री हरिभद्र सूरि - संयोजिका-विदुषी जैन साध्वी उमरावकंवर 'अर्चना' - सम्पादक-डा० छगनलाल शास्त्री । सम्प्रेरक-मुनि श्री विनयकुमार 'भीम' - प्रकाशक-मुनि श्री हजारीमल स्मृति प्रकाशन पीपलिया बाजार, व्यावर ३०५६०१ 0 प्रथम संस्करण-वि. सं. २०३८ । ई. सन् अगस्त १९८२ वीर निर्वाण संवत् २५०६ - मूल्य-१२) बारह रुपया सिर्फ D मुद्रण-श्रीचन्द सुराना के निदेशन में स्वास्तिक आर्ट प्रिंटर्स, सेठ गली, आगरा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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