Book Title: Jain Vidya aur Vigyan
Author(s): Mahaveer Raj Gelada
Publisher: Jain Vishva Bharati Samsthan

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Page 314
________________ 278 ] [जैन विद्या और विज्ञान और मांस पेशियों के बीच के जोड़ों पर मनोवेगों के प्रेषण के लिए भी आवश्यक है। सभी मांसपेशियों यहां तक कि हृदय के संकुचन के लिए केल्सियम अनिवार्य है। इसके चपापचय के लिए पेराथोरमोन आवश्यक है। इसकी कमी से टिटेनी हो जाती है। प्रेम, सद्भाव और मानवीय गुणों के विकास में इनका महत्त्वपूर्ण योग माना जाता है। विशुद्धि केन्द्र का स्थान कंठ है तो संभव है कि पेराथाइराइड का भी यही क्षेत्र होगा। 4. अंतःस्रावी अग्नाशय यह भाग लेंगरहंस का प्रायद्वीप कहलाता है। यह भाग सारे अग्नाशय में बिखरा होता हैं। यह दो हारमोन्स बनाता है - > इन्सुलिन > ग्लूकागोन दोनों हारमोन्स खून में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित करते हैं। इन्सुलिन की कमी से मधुमेह रोग हो जाता हैं। . ___नाभि के पास स्थित तेजस केन्द्र संभवतः इससे संबद्ध हो सकता 5. अधिवृक्क प्रत्येक गुर्दे के ऊपर यह ग्रन्थि होती है। इसके दो भाग होते हैं बाहरी भाग वल्कल अन्तःस्रावी होता है तथा भीतरी भाग नरम तथा मज्जा कहलाता कारटेकस (वक्कल) - यह जीवन के लिए अत्यन्त आवश्यक है। इसके द्वारा तीन हारमोन्स स्रावित किए जाते हैं - » मिनरलोकोरटीकोइड्स > ग्लूकोकोरटीकोइड्स » प्रोजेस्ट्रोन एवं टेस्टोस्टेरोन (सेक्स हारमोन) पहले दोनो हारमोन्स नमक, पानी आदि के चयापचय को नियंत्रित करते हैं, जिससे रक्त दबाव, शरीर में द्रवों की मात्रा आदि नियंत्रित होते हैं। इनहारमोनस् का स्रावण भी दिन में अलग-अलग समयों पर अलग होता है। सुबह इनकी मात्रा सबसे अधिक होती है इसलिए यह समय सबसे चुस्त होता है। तीसरा हारमोन्स काम भावना को नियंत्रित करता है और

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