Book Title: Jain Vidya aur Vigyan
Author(s): Mahaveer Raj Gelada
Publisher: Jain Vishva Bharati Samsthan

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Page 360
________________ 322] [ जैन विद्या और विज्ञान को यह बात बताएं - राष्ट्र को दलगत राजनीति से ऊपर रखना होगा। दलगत राजनीति से ऊपर उठकर ही हम देश की समस्याओं का समाधान कर सकते हैं, देश को विकास के मार्ग पर ले जा सकते हैं। 'महाप्रज्ञ - हम यह बात सबको बताएंगे। डॉ. कलाम - आपकी बात का अधिक असर पड़ेगा। महाप्रज्ञ - आप पहले वैज्ञानिक हैं, फिर राष्ट्रपति। आपको एक काम करना है कि सबका दृष्टिकोण वैज्ञानिक बने ऐसा प्रयत्न करें। दृष्टिकोण वैज्ञानिक बनेगा, तभी राष्ट्र का भला होगा। केवल बातों और आंदोलनों से राष्ट्र का भला नहीं होगा। डॉ. कलाम - स्वामीजी! मैं ऐसा प्रयास करूंगा। महाप्रज्ञ - केवल बातों और आंदोलनों से समस्या का समाधान नहीं होगा। समस्या के समाधान के लिए शांति और सद्भाव का विकास जरूरी है। ____ डॉ. कलाम - शांति और सद्भाव के वातावरण का निर्माण आप जैसे महापुरुष ही कर सकते हैं।. महाप्रज्ञ - साम्प्रदायिक सद्भाव के लिए हमने दो सूत्रों पर बल दिया » किसी सम्प्रदाय के उत्सव, त्यौहार आदि का दूसरे सम्प्रदाय वाले अनादर न करें। यदि कर सकें तो उदारतापूर्वक सम्मान करें। » कुछ व्यक्तियों द्वारा किए गए अपराध का पूरी जाति और सम्प्रदाय से बदला न ले, सबको अपराधी न मानें। ये दो नियम ठीक से हृदयंगम हों तो शांति के साथ रह सकते हैं, जी सकते हैं। डॉ. कलाम - मैं आपके इन सूत्रों का प्रसार करूंगा। महाप्रज्ञ - आज गरीबी की समस्या है, अशिक्षा की समस्या है और अनेक समस्याएं हैं। इन समस्याओं का समाधान शांति की स्थापना के बिना नहीं हो सकता। सबमें सौहार्द और मैत्री का भाव विकसित होगा, तभी स्थायी समाधान की बात आगे बढ़ेगी। डॉ. कलाम - स्वामीजी! साम्प्रदायिक सद्भाव, भाईचारा, मेल-मिलाप की भावना का विकास आप जिस कुशलता से कर सकते हैं, उतना दूसरे

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