Book Title: Jain Siddhanta Bol Sangraha Part 01
Author(s): Bhairodan Sethiya
Publisher: Jain Parmarthik Sanstha Bikaner

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Page 11
________________ श्रीमान् दानवीर सेठ भैरोंदानजी सेठिया का संक्षिप्त जीवन परिचय ** इस समय श्रीमान् सेठिया जी को अवस्था -४ वर्ष की है। आपका जन्म विक्रम संवत् १६२३ आश्विन शुक्ला अष्टमी को हुआ । बीकानेर राज्यान्तर्गत कस्तूरिया नामक एक छोटे से ग्राम में जन्म लेकर आपने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में आश्चर्य जनक उन्नति की । आपके पिता श्रीमान् सेठ धर्मचन्दजी के चार पुत्र थे । प्रतापमलजी सेठिया, अगरचन्दजी सेठिया, भैरोंदानजी सेठिया और हजारीमलजी सेठिया । उपरोक्त चारों भाइयों में से इस समय श्रीमान भैरोंदान जी सेठिया ही मौजूद हैं। श्री सेठिया जी ने तत्सामयिक स्थिति और साधनों के अनुसार ही शिक्षा प्राप्त की। आप की शिक्षा का क्रम बीकानेर में प्रारम्भ हुआ था और वह कलकत्ता तथा बम्बई में भी, जब आप वहाँ गये, तो बराबर जारी रहा । आप को हिन्दी, अंग्रेजी, गुजराती और मारवाड़ी आदि भाषाओं अच्छा ज्ञान है। तथा बहीखाता, जमाखर्च और व्यापार शास्त्र में तो आप बड़े ही निपुण हैं। जीवन में विविध अवस्थाओं और पदों पर रहने के कारण आप को सभा विज्ञान, कानून, चिकित्सा शास्त्र, और विशेषत: होमियोपैथी का विशेष परिचय है । प्रारम्भ से हो आप की प्रवृत्ति में धार्मिकता को महत्व पूर्ण स्थान रहा है । आपने श्रावक के १२ व्रत धारण किये हुए हैं। तथा समय समय पर त्याग

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