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[1327] संवत् १५४५ वर्षे ज्ये० विदि ११ दिने वीरवाडा वासि प्रागण झाति सा रत्ना ना० माघू पु० सा नीमाकेन ना हेमी कुटुम्बयुतेन स्वश्रेयसे श्री पार्श्वनाथ बिंब कारितं श्री श्री श्री सूरिनिः ॥ श्रिये ॥
[1328] संवत् १५६६ वर्षे फाल्गुण सुदि ३ सोमे श्री नाणावालगझे उसन्न गोत्रे को वुइथ नाण चाहिणदे पुत्र वीवावणा वधा दोहावणी पुण्यार्थ श्री विमलनाथ बिंब कारितं प्रा श्री शांति सूरिभिः ॥ मेमता नगरे ॥
चौवीसी पर।
[1329] संवत् १४ए वर्षे फाल्गुन शुक्ल ए जालंवाल गोत्रे सा० शिखर पुत्राच्यां शाण संग्राम सिंह धनान्यां निज मातृ साल्हीं श्रेयो निमित्तं श्री सुविधिनाथ चतुर्विंशति पर्ट कारितः प्रतिष्ठितं। तपा जट्टारक श्री पूर्णचन्द्र सूरि पट्टे जट्टारक श्री हेमहंस सूरिनिः॥
बीकानेर। श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथजी का मन्दिर । श्रासानियों का महला-बांठियों के उपासरे के पास ।
पंचतीर्थयों पर।
[13301 सं० १४ए६ फागुण वदि ६ बुधे जकेश ज्ञातीय सा जगसी ना ऊवकू पुत्र्या श्री०
"Aho Shrut Gyanam"