Book Title: Jain Lekh Sangraha Part 2
Author(s): Puranchand Nahar
Publisher: Puranchand Nahar

View full book text
Previous | Next

Page 340
________________ संवत् नाम १५६३ श्रुतसागर सूरि १५६६ नंदिवद्धन सुरि ... सेखांक | संवत् नाम लेखांक ... १३८४ नाणकीय जानकीय, नाणावाल) गछ। ११६१ १२४३ --..१६२०,१६६३ १३४१ महेन्द्र सुरि १३४६ , १७१६ ... १३२१ १४०५ शांति सूरि १४६३ --- .... |१५०१ शांति सूरि १३०३ १५७६ १५७७ , , . , ... १४८३ ... २०८३ १६०६ | १५७६ , १५१६ धनेश्वर सूरि (पृ०२८) १० नमदाल गह। १५३६ देवगुप्त सूरि ... नागपुरीय गठ। -- हेमरत्न सूरि नागेन्ड गढ़। १९६१ विजयतुंग सूरि १२६२ वर्द्धमान सूरि १२८१ उदयप्रभ सूरि १४०५ रतनागर सूरि १४२२ रत्नप्रभ सुरि १४३७ , , १४४६ उदयदेव सरि १४५० देवगुप्त सूरि १४७४ सिंहदत्त सूरि १४८४ पद्मानंद सरि १४६६ गुणसमुद्र सूरि २०४८ १५३६ ११३६ १५५७ महेन्द्र सूरि ११२४ , निति गठ । १०६५ . १४६६ श्री सूरि १०७३ निवृत्त गछ। १३६८ | १५०६(१) महणं गणि ... पंचासरीय गठ। १६०५ ११२५ चेलक ... पल्लीवाल गछ। १३१२ : १४५८ शांति सूरि ... ... १०.३ १८६४ ... १८७३ १५३३ गुणदेव सूरि १५५८ हेमरत्न सुरि १५७० हेमसिंघ सूरि १५७२ --- २०१५ रनाकर सूरि ... १२३ "Aho Shrut Gyanam"

Loading...

Page Navigation
1 ... 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356