Book Title: Jain Lekh Sangraha Part 2
Author(s): Puranchand Nahar
Publisher: Puranchand Nahar

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Page 341
________________ लेखांक (१५) लेखांक संवत् नाम ... १८८२ १५३२ , , ... १९३१ / १५२३ साधुसुंदर सूरि .... १८८७ | १५२६ , , ... २१९१ . १५४७ जयरत्न सूरि । १४२२१५५५ : १५४८ सौभाग्यरत्न सुरि १५५६ मनसिंह सूरि ... १५६१ पूर्णिमा गछ। जीमपल्लीय शाखा। १२८१ १७६० १६७५ १४८२ जयचंद सरि संवत् नाम १४७६ यशोदेव सरि १४८२ " १५१३ , , १५२८ नन्न सूरि १५३६ उद्योतन सूरि पार्श्वचन्छ गछ। ३.7 पाचन्द्र सूरि ... पिप्पल गह। १४६१ वीरप्रभ सरि १५१६ शालिभद्र सूरि १५१७ धर्मसागर सरि १५३० चंद्रप्रभ सूरि १५७० तिलकप्रम सूरि , गुणप्रभ मूरि पूर्णिमा पद) गछ २३८१ सोमतिलक सूरि श्रीसूरि १४८५ सर्वानन्द सरि १४८६ विद्याशेखर सूरि १५०१ गुणसमुद्र सूरि १५११ राजतिलक सरि ... १३०२ ... १०४२ | १५७६ मुनिचंद्र सूरि ... १२२२ प्राया गह। १३७४ शीलभद्र सूरि ... बापदीय गह। | १२४२ जीवदेव सूरि ... १६२४ घोकड़िया गछ । १२४१ / १४५७ धर्मतिलक सूरि ... ... १६८६ १२४६ १५४६ मणिचंद्र सूरि १५८० १४१४ . १५८७ मलयहंस सूरि ... ... ११६६ १५१७ पुण्यरत्न सूरि २०८५ १५३२ , , १५२१ गुणतिलक सूरि ... " ब्रह्माण गडा ११६८ १३२० वयरसेण उपाध्याय. ... १७९८ ! , जझक सूरि "Aho Shrut Gyanam"

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