Book Title: Jain Lekh Sangraha Part 2
Author(s): Puranchand Nahar
Publisher: Puranchand Nahar
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लम्बाके
नाम सिद्धान्तिक गछ।
१४२७
संवत्
लेखांक । संवत् नाम
१ १३८२ पद्मानंद सूरि १४०८ माणचंद्रसरि
स , जगतिलक सरि
। १३८६ धर्मप्रभ सूरि हर्षपुरीय गर्छ ।
१३६६ भावदेव सूरि १५५५ गुणसुंदर सूरि ... ... १२६६ . १४०५ अभयदेव सरि हुँबड़ गछ।
१४०७ गुणप्रभ सरि १४५३ सिंहदत्त सूरि ... ... १०५६ १४०६ सर्वानंद सूरि
, सर्वदेव सरि जिनमें गलों के नाम नहीं हैं
१४२३ शालिभद्र सुरि १३७ उद्योतन मुरि
___, अभयचंद्र सरि , वच्छवल देव ११६६ श्रामदेव सूरि
१४६८ श्री सूरि १२५३ जिनचंद्र सूरि
१४७८ , , १२६२ भावदेव सूरि
७० देव सरि १२., सर्वगुप्त सूरि
१४८४ जयप्रभ सरि १३०२ माणिक्य सूरि
१७८३ / -- जिनरतन स्ि " जयदेव सरि
२०२३ १४६३ अमरचन्द्र सूरि १६१० परमानंद सूरि
, धनप्रभ सूरि
" १४६६ शीलरत्न सरि १३२२ अयचंद्र सूरि
२०४७ १४६७ मुनिप्रभ सूरि १३२३ उद्योतन सूरि
१०३७ : १५०१ मंगलचंद्र सूरि १३३८ श्री सूरि
१५०३ धर्मशेखर सूरि , पूर्णभद्र सूरि
१७६१, १५०६ सर्व सूरि १३४२ प्रद्युम्न सूरि
१५०६ साधु सूरि १३६१ विबुधप्रभ सूरि
११२२ १५१६ श्री सूरि १३७५ जिनभद्र सूरि
१७६५ । १५३३ , , , रत्नप्रभ सरि
१७६५ १५२१ सुविहित सूरि २०५३ १५२३ कनकरत्न सूरि
२०१० १०६६
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१६३
१२४३ २०८३ १४२२
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::::
१४७०
"Aho Shrut Gyanam"

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