Book Title: Jain Lekh Sangraha Part 2
Author(s): Puranchand Nahar
Publisher: Puranchand Nahar
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(१४) लेखांक संवत् नाम ... १३३८ १५३८ देवसुंदर सरि ...
लौंपक गछ। १९३२ अजयराज सूरि १६५३ गंगारिखो यनि
लेखांक ... १६२१
२०३४
वड गवा
संवत् नाम १५३४ गुणविमल सूरि १५५७ गुणवधान सूरि १५६. लक्ष्मीसागर सूरि १५८१ " . ... १६६६ कल्याणसागर सूरि ... , उदयसागर सूरि ...
__ मोढ गह। १२२७ जिनभद्राचार्य
रमुख गह। १५७६ श्रीसूरि
रांका गह। १३२० महीचंद्र सूरि
...
१३८६
। १५७२ चंद्रप्रभ सूरि ...
विजय गछ। १९२१ शांतिसागर सूरि ...
... १५९६-१७
...
.
१७० १९३२
१६३३
१५६८,१६००-०१,१६०८,६१५,१६२१
... १८०६, १८२५. १८३३ , ... .
१७०२-०३
१९४३
गन्न
१३३६ अमम सूरि १५०६ पद्माणंद सूरि ... १५५२ पुण्यवद्धन सूरि
रामसेनीय गढ़। १४.५८ धर्मदेव सूरि १५०३ मलयचंद्र सूरि
... , ११७४ १५६१ : १४११ विजयप्रभ सूरि
१४१३ विनयप्रम सूरि १५१८ हेमप्रभ सरि
२०८४
...
...
१६२४ १३१३
१०८०
१०८७
विवंदणीक गह।
:१५१२ सिद्ध सुरि १५२४ कक्क सरि
१७२७
अपनीय गठ। १२६० अभयदेव सूरि १४२१ जिनराज सूरि १५१३ सोमसुंदर सूरि
वृहब।
.... ...
१३१५ १३१६ हीरभद्र सूरि १२६७ | १३३४ ---
...
१८०१
"Aho Shrut Gyanam"

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