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(२ ) उदा नोपाल ना० नतु दे पु० नामहा सीवा उदा ना० उमा दे पु० रतना समरथ कुटुंबन सह स्वयसे श्री शांतिनाथ विवं कारितं श्री विजयसिंह सूरि पट्टे प्रतिष्टितं वीर सूरिभिः॥
छुड़वाल-सिरोही।
जैन मंदिर। पाषाण की प्रतिमा पर।
{2004] संप १६४४ वर्षे फागण वदि १३ बुधे हालवामा वास्तव्य श्री संघेन कारित श्री शांति. नाथ विंबं प्रतिष्ठितं तपागलाधिराज श्री हीरविजय सूरि निः॥
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डीसा। श्री आदीश्वरजी का मंदिर। पंचतीर्थयों पर।
[ 20851 सं० १५५४ वर्षे का वा ५ शुक्र श्री नावडार गछे श्रीमाल ज्ञातीय मधिरणल ना ब्रह्मादेवि पु मना ना मारहण दे पुण् सिंघा मेघा मेहा साणा जुग सहितेन जोवि. तस्वामी श्री पद्मप्रनु प्रमुख चतुर्विशति पट्ट का० प्र० कालिकाचार्य संताने श्री जावदेव सूरिनिः श्री वनरिया ग्रामे ॥
[20961 सं० १५६३ वर्षे माघ सुदि १५ गुरौ उरकेश ज्ञातीय गा कनुज सोप करणा नारा शरय पु विसाल पितृव्य नयमा निमित्त श्री विमलनाथ चिंब कारित प्रजिनमाल बने श्री कम्मतिक सूरिनिः॥
"Aho Shrut Gyanam"