Book Title: Jain Lekh Sangraha Part 2
Author(s): Puranchand Nahar
Publisher: Puranchand Nahar
View full book text
________________
(२) लेखांक | संवत्
संवत्
नाम
नाम
नाम
लेखांक
१५४७ अमररत्न सुरि १५३६ सिंघदत्त सूरि १५६१ सोमरत्न सरि
१७३७ १५२१
"
"
... ११२८. १९७१
१३८६ ... १२७१. १४४३
...
१५७७
१५२८ देवगुप्त मूरि
१५७१
उपकेश
१३६२५६ कक्क सूरि
२१२५
१५४६
१०४३
१३८० , , १३८५ , , १५५७ रामदेव सूरि १४६८ देवगुप्त सूरि
१२६३
१६३४ ११०२, १९८६
१३३
१०६२ १५६
सिद्ध सूरि
२०६२ १५७
१४८४ , १४८६ ,, (मलधारोयक) १४८२ सिद्ध सरि
१९८२ १०७० .
१५८८
૧૨૮૨
१३४७
१०२४
१४६३ सिद्ध सूरि
१५६२ " " १४६५ सर्व सूरि
१६४१ १५०३ ककुदाचाये (कक मूरि)
... १६३४ , १५२७) सिद्ध सरि ... .... १५०५ कक सूरि
११४८, १४७६ | १७८१ कपूरप्रियगणि
१९४६ : १८४० सिद्धसूरि ( कमलगिच्छ)
... १०८३, १९५० १५०८ , ,
कबोलीवास गछ। ... ... १३३२
... १२५६ १४७१ संघतिलक सूरि ... ... ११५३, १२६१, १२६३, १३७३, १५०४ १४६३ सर्वाणंद सूरि ( पूर्णिमापक्ष) ...
.. १८८३ | १४६३ लषमसीह (, ) ...
१४७४
१६३०
१६
"Aho Shrut Gyanam"

Page Navigation
1 ... 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356