Book Title: Jain Lekh Sangraha Part 2
Author(s): Puranchand Nahar
Publisher: Puranchand Nahar

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Page 335
________________ लेखांक १६७८ संवत् नाम लेखांक संवत् नाम चंड गह। बहितेरा गछ। १०७२ सोलगल सूरि ३८६ १६१२ धर्ममूर्ति सरि १२३५ पूर्णभद्र सूरि १६८८ , भावसागर सरि १२५८ देवभद्र सूरि १०३४ जापडाण गब। १२७२ हरिप्रभ सूरि १७७७ १५३४ कमलचंद्र सरि १३०० यशोभद्र सूर १७७६ जीरापल्लीय गठ। चाणांचाल गछ। १४०६ रामचंद्र सूरि ... १५२७ उदयचंद्र सरि १५२६ वज्रेश्वर सूरि ... ... १९५६ तप गह। चित्रवास (चैत्र गछ। १४०१ विजयहर्ष सरि १३०३ जिनदेव सूरि १९४६ १४२२ रनशेखर सूरि २३२१ आमदेव सूरि १९२१ . १४३६(?) देवचंद्र सूरि १३३४ ५० सोमचंद्र २०१० १४५३ हेमहंस सूरि १३४० अजितदेव सूरि १९३४ १४६६ १३१२ गुणचंद्र सूरि १०४१ १४७५ १४६६ मुनितिलक सूरि ... १०४६ १९२८ १७.१२ १४८६ १३२६ १४८१ १४६६ गुणाकर सूरि १३६० १९८२ १९०१ १४६८ १२६४ १५०१ १०६० १५०४ १०६४ १०६६ १५११ १९४७ १५१५ रामदेव सरि १५२७ चारुचंद्र सूरि १५३१ नारचंद्र सूरि १५३४ लक्ष्मोसागर सूरि १९५२ १४१० | १४५८ देव सुंदर सूरि १०८६, १२६६. १३७४ ... २०४८ "Aho Shrut Gyanam"

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