Book Title: Jain Ganitanuyog
Author(s): Vijayshree Sadhvi
Publisher: Vijayshree Sadhvi

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Page 5
________________ णमोऽत्थुणं समणस्स भगवओ महावीरस्स जैन गणितानुयोग - एक बार अवश्य पढ़ें.. भरत ऐरावत महाविदह आदि अनेक क्षेत्रों, जम्बूद्वीप लवण समुद्र आदि असंख्यात द्वीपसमुद्री, ऊध्र्व मध्य अधः तीनों लोकों का विस्तृत विवेचन, समय से लेकर पुद्गल परावर्तन तक अनन्त कालमान, प्रदेश से राजू तक का अति वैज्ञानिक क्षेत्रमान, अन्य जैन गणित सूत्रों व ज्यामितिक आकृतियों के साथ-साथ विज्ञान सम्मत विश्व का दिग्दर्शन कराने वाला सचित्र संग्रहणीय, पठनीय, सारपूर्ण एकमात्र उपयॊगी ग्रंथ सृजन : साध्वी डॉ. विजय श्री 'आर्या'

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