Book Title: Jain Ganitanuyog
Author(s): Vijayshree Sadhvi
Publisher: Vijayshree Sadhvi

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Page 3
________________ पहला BIT कोड़ा कोड़ा सागरोपय चूलिका कोड़ा कोड़ा सागरोपण सुषम-सुषम सठवा आरा संतति पालनः स्या दूसरा आरा वक्ष पसलियाँ पलिया 1028 256 | 256 किल्या कोड़ा काड़ा सागरायम पांचवों वृक्ष कल्प वृक्ष डक यगाला शरीरकोस Aआयव्य उपल्योयम आहरदिन से तुवर प्रमाण शरीरकास आयव्य३पल्यापम/ आहर3दिन से (तीसरा आरा कोडाकोडीसागरोपयो त मखर प्रमाण वल्यापम आरत MEक 2800 (-1000 योजन - कोटी भाकंआ Diplolic सुषम-दुःषम कोड़ा कोड़ी सागरोपम आय स मपा.हो। बयान दिन पनगर पनि मावर्ग में एक एक बाल निकालत निकालत का सम्यण पाला हा जाय असंख्य वाक पन्यापम/ PRA -36000 योजन - आ.100 क्य GAD तीसरा कांड शाख भाय20 .ro भायु,20-वर्ष नरकगामी नका .का.सागर माम पॉवदा आरा 21000 वर्ष छठवाँ 121000 वर्ष दु:यम-दःषमा 21000 वर्ष पहला 62500 योजन आरा वसर्पिणी कालसर दुःषम-दःपमा जाय भरणी 4% योजन योजन दूसरा कांड 8 योजन -500 योजन→ भूमि स्थान पर 10000 1000 योजन ऊँचाई हला काड अष्ट रूचक प्रदेश

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