Book Title: Jain Ganitanuyog
Author(s): Vijayshree Sadhvi
Publisher: Vijayshree Sadhvi

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Page 208
________________ कृतिकार का परिचय जन्म : 10 फरवरी 1952, उदयपुर (राज.) माता-पिता : श्रीमती रतनदेवीजी आनन्दीलालजी मेहता दीक्षा : विजयादशमी, 12 अक्टूबर 1967, साध्वी डॉ. विजयश्री आर्या' ___ कोल्हापुर रोड, दिल्ली गुरुवर्या पंजाब प्रवर्तिनी महासती श्री केसरदेवीजी म. सा. की वरिष्ठ शिष्या अध्यात्मयोगिनी महाश्रमणी श्री कौशल्यादेवीजी म. सा. दीक्षा प्रदाता : शेर पंजाब उपाध्याय श्री प्रेमचन्दजी म. सा. अध्ययन : बत्तीस आगम, जैन सिद्धान्ताचार्य , M.A., Ph.D. शोधग्रंथ : जैन श्रमणियों का वृहद् इतिहास शिष्या-प्रशिष्याएँ : सात विशेषता : धार्मिक एवं लौकिक शिक्षा में 13 बार सर्वप्रथम रूप से पुरस्कृत, छह स्वर्णपदक विजेता, दस हजार साध्वियों के इतिहास की एकमात्र लेखिका कवियत्री, जीवन-चरित्र से लेकर शोध ग्रंथ तक अनेक ग्रंथों का सृजन व संपादन, स्वाध्याय, ध्यान, जप-तप, शिविर, ग्रंथालय, विभिन्न मंडल, उपकरण भंडार आदि द्वारा जिनशासन की प्रभावना। अद्यतन 48 वर्षावासों की सूची : दिल्ली 10, उदयपुर 2, मुम्बई 4, सिकंदराबाद 2, हैदराबाद 3, बैंगलोर 3, मैसूर 2, चेन्नई 2, पूना, जालना, आलंदी, घोड़नदी, धूलिया, नासिक (महा.), दोड्डबालापुर (कर्नाटक), विजयवाड़ा (आन्ध्र प्रदेश), भावनगर (गुजरात), जयपुर (राज.), जम्मू, फरीदकोट, अमृतसर, समाना (पंजाब), साहरनपुर, साहिबाबाद, आगरा (उत्तर प्रदेश), ग्वालियर, इंदौर (मध्य प्रदेश), अमरावती (विदर्भ)। Designed by Sanjay Surana, Shree Diwakar Prakashan, Agra,

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