Book Title: Jain Ganitanuyog
Author(s): Vijayshree Sadhvi
Publisher: Vijayshree Sadhvi

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Page 206
________________ दक्षिण उप्पन अन्तराद्वीप उत्तर दिशावर्ती 28 द्वीप शिखरी पर्वत मेरु पर्वत 45 लाख योजन लघु हिमवंत पर्वत 12ीवन लवण समुद्र क्षण दिशावर्ती 15 अनुत्तर विमान 28 द्वीप बीच में सर्वार्थसिद्धा कर्क व मकर संक्रांति में सूर्व कर्क संक्राति के प्रथम दिन मकरसंक्राति के प्रथम दिन नेक के प्रतरों का दूरवी दर्शन / - परिधि के दशांश का दोनों तरफ का3-3 भाग में प्रकाश और2-2भागी परिधिके शाशिका दोनों तरफ को 3-3माग में राति और 2-2 भाग में प्रकाश (भाग में ४भाग में प्रकाश wat HelloENवि PA थिकाओं का चंद्र के मार्ग में नक्षत्रों का संचार अंतर 35 सुदर्शन मेरु पर्वत मेरु पर्वत से 44820 यो. दूर चंद्र की प्रथम वीथी अजित आदिका भधाव पुनर्वसुका संचार -जबद्रीप की वेदीकृतिका का संचार रोहिणी व चित्रा का संचार विशाखा का संचार अनुराधा का संचार ज्येष्ठा का संचार हस्तमूल आदि का संचार नीलवंत

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