Book Title: Jain Achar Mimansa me Jivan Prabandhan ke Tattva
Author(s): Manishsagar
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur

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Page 5
________________ 3- पावन आशीर्वाद - प.पू. शासन प्रभावक खरतरगच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्रीमज्जिन कैलाशसागरसूरीश्वरजी म.सा. - शुभाशीष - - प.पू. मरूधरमणि उपाध्याय प्रवर श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. प.पू. सरल स्वभावी गणिवर्य श्री पूर्णानन्दसागरजी म.सा. प.पू. मधुरभाषी मुनिप्रवर श्री पीयूषसागरजी म.सा. प.पू. स्वाध्यायरसिक श्री सम्यक्रत्नसागरजी म.सा. प्रेरणा एवं मार्गदर्शन प.पू. अध्यात्मयोगी गुरूदेव श्री महेन्द्रसागरजी म.सा. प.पू. मरूधरज्योति साध्वीवर्या श्री मणिप्रभाश्रीजी म.सा. आत्मीय सहयोग प.पू. अध्यात्मयोगी श्री महेन्द्रसागर जी म.सा., प.पू. श्री मनीषसागर जी म.सा. के शिष्य रत्न प.प. श्री वैराग्यसागर जी म.सा. प.पू. श्री विवेकसागर जी म.सा. प.पू. श्री ऋषभसागर जी म.सा. प.पू. श्री वर्धमानसागर जी म.सा. प.पू. श्री विराट्सागर जी म.सा. Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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