Book Title: Hetubindu Tika
Author(s): Dharmakirti Mahaswami, Archatt Bhatt, Durvek Mishra Pandit, Sukhlal Sanghavi, Jinvijay, B Bhattacharya
Publisher: Oriental Research Institute Vadodra

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Page 475
________________ । जनकरत ४. हेतुबिन्दुटीकागतशब्दानां सूची। [ग] | जनकत्व ९८. ८; ११२. ८; ११३. ३, २२; गमक १६. २; १८.८; ६९. ९, १५२. ३; २२२. | १५९. १४; १६९. २; १७०. १; १८१. १५, २२३. १ गमकत्व १५०. ११; १५२. २७, २०६.४ जनकत्वाजनकत्व ८४. ५ गमकरूपप्रतिपत्ति ६९. ७ । जनकरूपतावस्थान १००.२५ गम्य १७. २७; १८.८; १५०. १०; १५२, २ जनकव्यवस्था १३४.१० गम्यगमकभाव १५०. १६, २८; १५१. ६; १५२. जनकाजनकरूपता १२३. १९ जनकाजनकस्वभावताविरह १२३. १८ गम्यगमकभावप्रसङ्ग १५०. १२ जनकाजनकावस्था ८४. ६, ८५. १५; ८६. १४; गरिष्ठ ८७. १५ . . ८७. २५ गुड १०६. १३ जनकावस्था ८५. १६ गुडनागरसंज्ञित १०६. १४ जनन ८९. ५; ११३. ६; ११५. २५; १३८. १८ गुण १०८. १२; १६८. २५; १८२.१ जननस्वभाव ८७.३; ८७.४, ८९. १६ गुणरूप १०७, २६ जन्मन् ९०. २४; ९१. ४, ७, १५३. २५, १५९. गुणरूपता १८१. २८ गुणलक्षण १०८.११ जन्य १८२. १२ गुरु २१८. १९ जन्यजनकभाव ९.१%; १५०. २०; १५१. ५; गुरुत्वाभाव १७०. १५ १५२. १२; १५३. ७; १८१. ५; १८२. गृहीतग्राहिता १८०.७; २०१. १३ १२, २२ गृहीतग्राहिन् १९५. २१ जन्यजनकभावप्रसङ्ग १५२. १६ ग्रहण १७५. १९ जन्यजनकभावाभ्युपगम १५३. १ ग्रहणाग्रहणव्यवस्था १७५. १६. जन्यजनकरूप १६०.१ [ ] जन्यत्व १८१. ७ घट ७६.६९६. २२, ९८.१८ जन्यस्वभावत्व १३६. २९ घटज्ञानाभावप्रतिपत्ति १७७. १० जाति ५.२; २७. २४; ३०. २२; ३२. १० घटविविक्तभुतलोपलब्धि २०१. २४ जातिभेद १६१. १७, २८ घटादिप्रवाह १४२. १९ जात्यन्तर १०४. १० घटाभाव १७७. ९ ज्ञात २२०. २६; २२१. २४ घटाभावदर्शन २०१.१० ज्ञातत्व २०६. ६; २२०. २३, २५; २२५. १२; २२८. २०, २३ चक्षुराद्यायतन १४९. ३ ।। ज्ञातत्वनिराकरण २२०. २० चक्षुर्विज्ञान १११. ४ ज्ञातृज्ञेयधर्मलक्षणा १६९. २२; १७५. १०; १७७. चक्षुष ८१.५ ९२. १८, ३०; ९४, २१; ९५. ४११०. २१, २६ ज्ञातृज्ञेयधर्मलक्षणोपलब्ध्यभाव १७७. २० चक्षुरूपमनस्कार ९४. १४ ज्ञातृधर्मलक्षण १७७. २४ चतुरार्यसत्यलक्षण ४०. ७ ज्ञातृधर्मलक्षणा १७१. १६; १७४. २० चाक्षुषत्वादि २१२. ७ ज्ञान ९७. २५; १०५. २८; १२९. ११; १६७. च्युतिमात्र ८०. १७ १३; १७३. १८; १७४. १५, २९; १८९.. च्युतिमात्रलक्षण ८२. ११ १६; १९६. १; २२०. २३, २०; २२१. ७, १३, १५, २५, २२२. २९; २२५. जनक ४८. २८; ९३. १५; ११२ २७; १२४. | १९; २२७. १४, २२८. १२, २१, २४ ७; १३०. २५; १३४. ५, १६९. २८ । ज्ञानद्वारक १७२. २२ . १७०, ११ ज्ञाननिबन्धन २२७.१२ [ज] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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