Book Title: Haribhadrasuri krutanyashtakani
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

View full book text
Previous | Next

Page 11
________________ अनुक्रमणिका. यांक. विषय. पुण्यादि चतुर्भग्याष्टकम् (२४) १४ पुण्यानुबंधिपुष्यादि चारे जांगाउनुं स्वरूप. पितृभक्त्यष्टकम् (२५) ७५ महावीर प्रजुए पितृन तिमाटे ली धेला निग्रहनुं स्वरूप १०६ (महद्दानस्थापनाष्टकम् ) (२६) ७६ श्रीवीर प्रभुना दाननुं स्वरूप ( तीर्थदानाष्टकम् ) (२७) 99 दानमाटे वीरप्रनुनुं स्वरूप (राज्यादिदानदूषणनिवारणाष्टकम्) (२८) ७० तीर्थंकरने राज्यादिकनुं दान देवामां दोषपणुं ( सामायिकाष्टकम्) (२९) (३०) ७ सामायिकनुं स्वरूप. देशनाष्टकम् (३१) ८० प्रभु देशना शामाटे पे बे ? तेनुं स्वरूप. सिद्धस्वरूपाष्टकम् (३२) ८१ मोहनुं स्वरूप. ८२ टीकाकारनी प्रशस्ति. ८३ जाषांतरकारनी प्रशस्ति. ०४ जाहेर खबर. Jain Educationa International For Personal and Private Use Only पृष्ठ. १८२ ԵԵ ११ ୧୯୪ १६ २०१ २०३ २०६ २०७ २०० www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 ... 220